मेडिकेयर स्कीम के 2-2 हजार रुपए की कटौती देख भड़के कोलकर्मी
दो घंटे किया प्रदर्शन , खदान में किया आंदोलन, आश्वासन पर माने
मेडिकेयर स्कीम के 2-2 हजार रुपए की कटौती देख भड़के कोलकर्मी
सारनी. कोल नगरी में श्रम संगठनों की लोकप्रियता लगातार घट रही है। इसकी मुख्य वजह कामगारों की ज्वलंत समस्याओं का निराकरण समय पर नहीं कर पाना है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मंगलवार को तवा-1 खदान पर उस समय मिल गया जब कामगारों ने श्रम संगठन के नेताओं को दर किनार कर प्रबंधन का विरोध, प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान कोई भी श्रमिक नेता को आगे नहीं आने दिया। सभी मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया और दो घंटे तक मुहाने के सामने प्रदर्शन करते रहे। उपक्षेत्रीय प्रबंधक, खान प्रबंधक की समझाइश के बाद कोलकर्मी माने और खदान में उतरे। प्रदर्शन के दौरान यूनियन नेताओं ने भीड़ में बोलने का प्रयास भी किया। लेकिन कामगारों के विरोध के बाद मौन साधना पड़ा। बताया जा रहा है कि श्रम संगठन के नेता इन दिनों प्रबंधन के इशारे पर काम कर रहे हैं। कामगारों की समस्या से अवगत होने के बावजूद प्रबंधन के खिलाफ धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन की कार्रवाई नहीं कर रहे। इससे श्रम संगठनों के ऊपर से कामगारों का विश्वास कम होता जा रहा है। कोयला कामगारों ने बताया कि जेबीसीसीआई में तय बिन्दुओं के आधार पर कोल प्रबंधन ने सभी कामगारों के वेतन से 2-2 हजार रुपए की कटौती मेडिकेयर स्किम के लिए की है। जिसका कामगारों ने विरोध किया है। कामगारों का कहना है कि जो व्यक्ति सेवानिवृत्त होने की स्थिति में हैं और जिनकों इस योजना का लाभ नहीं लेना है। उसके वेतन से भी कटौती की जा रही है। जिसका हम सभी ने विरोध किया है। इतना ही नहीं। पाथाखेड़ा क्षेत्र में अक्टूबर माह से वेतन पर्ची, वेतन भुगतान समय पर नहीं हो रहा। इसकी जानकारी सभी श्रम संगठनों को है। बावजूद इसके अब तक विरोध दर्ज कर समय पर वेतन भुगतान की मांग करने किसी ने भी प्रदर्शन नहीं किया। इससे कामगारों का आक्रोश श्रम संगठनों के प्रति बढ़ रहा है।
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