पढ़े, मिलावट के 28 प्रकरणों में 1.94 लाख का जुर्माना
बेतुलPublished: Oct 14, 2019 09:25:16 pm
खाद्य पदार्थों में मिलावट का गोरखधंधा थमता नजर नहीं आ रहा है। अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा हाल ही में २८ प्रकरणों में सुनवाई करने के बाद १ लाख ९४ हजार रुपए का जुर्माना मिलावटखोरों पर अधिरोपित किया गया है। वहीं १३ अन्य प्रकरणों में सुनवाई चल रही है।
In five months, 162 samples were sent for testing.
बैतूल। खाद्य पदार्थों में मिलावट का गोरखधंधा थमता नजर नहीं आ रहा है। अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा हाल ही में २८ प्रकरणों में सुनवाई करने के बाद १ लाख ९४ हजार रुपए का जुर्माना मिलावटखोरों पर अधिरोपित किया गया है। वहीं १३ अन्य प्रकरणों में सुनवाई चल रही है। लंबे समय बाद न्यायालय द्वारा मामलों में जुर्माने की कार्रवाई की गई है। बताया गया कि ५५ खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच रिपोर्ट कुछ दिन पहले आई है। इनमें १४ नमूने फेल होना बताए जाते हैं। सबसे ज्यादा नमूने दूध में मिलावट के हैं। फेल नमूनों के प्रकरण भी बनाकर अपर कलेक्टर न्यायालय को भेजे जा रहे हैं ताकि जुर्माने की कार्रवाई प्रस्तावित हो सके।
पांच महीने में १६२ नमूनें लिए
जिला खाद्य औषधि प्रशासन विभाग द्वारा एक अप्रैल से सितंबर माह तक कुल १६२ खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए जिले भर से लिए गए थे। इनमें ८० नमूने दूध और दूध उत्पादक से बनी वस्तुओं के थे। जबकि ८२ नमूने अन्य उत्पादकों के बताए जाते हैं। यह सभी नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भोपाल में भेजे गए थे। इनमें ५५ नमूनों की जांच रिपोर्ट भी विभाग को मिल चुकी हैं। जबकि १०७ नमूनों की जांच रिपोर्ट आना अभी शेष बताया जाता है।
१४ नमूने हुए जांच में फेल
प्रयोशाला में भेजे खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच रिपोर्ट आ चुकी हैं। जिनमें १४ नमूने फेल होना बताए गए हैं। इनमें ८ नमूने दूध के हैं। इनमें फैट कम होना, अमानक पाया जाना सामने आया है। इसके अलावा दही, पनीर और कुल्फी का भी नमूना अमानक पाया गया है। टोस्ट, धनिया पॉउडर, माजा पेय पदार्थ के नमूने मिथ्या छाप पाए गए हैं। इन प्रकरणों पर जुर्माना की कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा प्रकरण तैयार कर उन्हें अपर कलेक्टर न्यायालय में भेजने की तैयारी की जा रही है। जबकि १३ प्रकरण वर्तमान में न्यायालय में सुनवाई के लिए लंबित होना बताए जाते हैं।
१.९४ लाख रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया
एक अप्रैल से अभी तक अपर कलेक्टर के न्यायालय में मिलावट के २८ प्रकरणों में सुनवाई हो चुकी हैं। इन प्रकरणों में न्यायालय द्वारा सुनवाई के बाद सुरक्षा मानक अधिनियम २००६ के अंतर्गत धारा ४६(६) के तहत १ लाख ९४ हजार का जुर्माना अधिरोपित किया गया है। बताया गया कि नियमों में बदलाव की वजह से जुर्माने की कार्रवाई में भी विलंब हो रहा है। दरअसल में जिस दुकानदार के खाद्य पदार्थ का नमूना जांच में फेल पाया जाता है उसे भी सुनवाई का अवसर दिया जा रहा है।
त्यौहारी सीजन को देखते हुए निरीक्षण शुरू
दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही जिला खाद्य औषधि प्रशासन विभाग द्वारा निरीक्षण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वर्तमान में खाद्य औषधि प्रशासन विभाग में सिर्फ तीन निरीक्षक ही कार्यरत है। इसलिए प्रत्येक निरीक्षक पर तीन से चार ब्लॉकों की जिम्मेदारी दी गई है। चूंकि क्षेत्र काफी बड़ा है इसलिए निरीक्षकों द्वारा अभी से जांच करना शुरू कर दिया है। खाद्य निरीक्षकों की माने तो दूध एवं दूध से बने उत्पाद जैसे मावा, मिठाईयों आदि की जांच पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, क्योंकि सबसे ज्यादा खपत त्योहारी सीजन में इन्हीं की होती है।
इनका कहना
– एक अप्रैल से सितंबर माह के दौरान १६२ नमूने हमनें जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला में भेजे थे। जिनमें से ५५ की रिपोर्ट आ चुकी हैं। १४ सेम्पल फेल पाए गए हैं। पूर्व में २८ प्रकरणों पर सुनवाई चल रही थी उनमें भी अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा १.९४ लाख रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
– संदीप पाटिल, निरीक्षक जिला खाद्य औषधि प्रशासन विभाग बैतूल।