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२८ करोड़ की अमृत परियोजना पर कठोर चट्टान ने लगाया ब्रेक

locationबेतुलPublished: Sep 08, 2018 11:21:29 am

Submitted by:

pradeep sahu

हार्ड रॉक आने से नपा का प्लान हुआ फेल

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हार्ड रॉक आने से नपा का प्लान हुआ फेल

बैतूल. ठोस चट्टान में २५ दिनों तक २० फीट ड्रिलिंग करने के बाद आखिरकार नगरपालिका को यू-टर्न लेना पड़ रहा है। रेलवे क्रासिंग के चलते ड्रिलिंग करने वाले ऑपरेटरों ने पटरी के नीचे ड्रिलिंग करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में खेड़ी ताप्ती से बैतूल तक पाइप लाइन के जरिए ताप्ती का पानी लाने की २५ करोड़ लागत वाली अमृत परियोजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं पूरी योजना भी समय-सीमा से पिछड़ गई है। अब नगरपालिका ड्रिलिंग के लिए रेलवे के उच्च अधिकारियों से संपर्क करने के बाद नई जगह की तलाश कर रही है।
मुसीबत बन गई ड्रिलिंग- २० दिनों तक ठोस चट्टान में ड्रिलिंग करने के बाद भी नपा के हाथ कुछ नहीं लग सका है। इस वजह से एक सप्ताह पहले ही ड्रिलिंग को रोक दिया गया है। चूंकि जमीन के अंदर तक आर-पार ठोस मजबूत चट्टान है इसलिए आगे ड्रिलिंग करना मुश्किल है। नपा द्वारा ड्रिलिंग करने वाले जिले के बाहर के ऑपरेटरों से भी संपर्क किया था, लेकिन मौके का मुआयना करने के बाद उन्होंने भी ड्रिलिंग करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। जिसके बाद नपा सीएमओ सहित इंजीनियरों को अपनी समस्या लेकर नागपुर मध्य रेलवे के सीनियर डिविजनल इंजीनियर से मुलाकात करना पड़ी।
नई जगह की तलाश शुरू- ठोस चट्टान की वजह से ड्रिलिंग फेल होने के बाद नगरपालिका ड्रिलिंग के लिए रेलवे से नई जगह दिए जाने की मांग है। रेलवे ने आश्वस्त किया है कि वह उनके इंजीनियरों को साइट पर भेजकर नई जगह की तलाश में मदद करेगी। बताया गया कि गंज रेलवे ट्रेक पर अंडर ब्रिज से लगकर जगह दी जा सकती है, लेकिन इसमें तकनीकी पेच यह आ रहा है कि ड्रिलिंग के कारण कहीं अंडर ब्रिज को नुकसान न पहुंचे। हालांकि इसके अलावा रेलवे के पास भी ऐसी कोई जगह नहीं है जिससे क्रासिंग के लिए दिया जा सके।
४५ लाख खर्च करने के बाद मिली थी अनुमति- नगरपालिका को ४५ लाख रुपए खर्च करने के बाद मध्य रेलवे नागपुर मुख्यालय द्वारा रेलवे लाइन के नीचे ड्रिलिंग करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन ड्रिलिंग में फेल होने के बाद अब नगरपालिका के लिए मुश्किलें बढ़ गई है। वहीं पाइप लाइन बिछाने का काम कर रही कंपनी को भी ड्रिलिंग फेल होने की वजह से घाटा उठाना पड़ रहा है। यहीं कारण है कि नगरपालिका को दोबारा से ड्रिलिंग के लिए नई जगह तलाश करना पड़ रही है।
करोड़ों के प्रोजेक्ट पर फिरता नजर आ रहा पानी- खेड़ी ताप्ती से बैतूल तक पाइप लाइन बिछाए जाने में नगरपालिका को कुल २५ करोड़ रुपए खर्च होने की बात कहीं जा रही है। नगरपालिका ने पाइप लाइन का ९० फीसदी हिस्सा भी जोड़ दिया है। शहर भर में एनीकट से पेयजल सप्लाई के लिए डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों का जाल बिछाया गया है। खेड़ी ताप्ती पर ६ करोड़ की लागत से बैराज बनाया गया है, लेकिन अब रेलवे लाइन क्रासिंग की वजह से पूरे प्रोजेक्ट पर पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं प्रोजेक्ट की निर्धारित मियाद भी खत्म होने वाली है। ऐसे में नगरपालिका के लिए पाइप लाइन को तय समय-सीमा में पूर्ण करना चुनौती भरा है।
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