script20 साल से तालाब को सहेजने में जुटे ग्राम ओटेबंद के तीन बुजुर्गों के साथ सफाई में जुट गया पूरा गांव | The whole village is engaged in cleaning the pond with three elderly | Patrika News

20 साल से तालाब को सहेजने में जुटे ग्राम ओटेबंद के तीन बुजुर्गों के साथ सफाई में जुट गया पूरा गांव

locationबेमेतराPublished: Jun 17, 2019 12:48:32 am

200 साल पुराने तालाब के संवर्धन में सहभागी बने महिला कमंाडो, जनप्रतिनिधि, बुजुर्ग, स्वच्छता समिति के सदस्य एवं जागरुक ग्रामीण

Bemetara Patrika

20 साल से तालाब को सहेजने में जुटे ग्राम ओटेबंद के तीन बुजुर्गों के साथ सफाई में जुट गया पूरा गांव

बेमेतरा. पत्रिका महाअभियान अमृतं जलम् में आज ग्राम ओटेबंद में सबसे पुराने तालाब की सफाई की गई। तालाब के संरक्षण व संवर्धन के लिए आज गांव की महिला कमंाडो, जनप्रतिनिधि, बुजुर्ग, स्वच्छता समिति के सदस्य एवं ग्रामीण सहभागी बने। गांव के तालाब को स्वच्छ रखने के लिए 3 बुजुर्गों की जोड़ी चर्चा का विषय बनी रही। ग्रामीणों ने बताया कि दो दशक पहले से तीनों बुजुर्ग तालाब को साफ रखने सक्रिय हैं। अभियान मे सहभागिता निभाने गांव के 50 से अधिक ग्रामीण आज तालाब पहुुंचे थे, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। गांव के इस तालाब से लोगों का 200 साल से पुराना रिश्ता है। ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त गांव के इतिहास को समेटे तालाब से ग्रामीणों का खासा लागाव है। जिसके चलते ग्रामीण समय-समय पर तालाब पार व पचरी सफाई के लिए कदम उठाते रहे हैं।
तीनों मित्र तालाब को सुंदर बनाने के लिए हैं प्रयासरत
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के जीवन लाल लहरे (80)25 वर्ष से गांव के तालाब की सफाई के लिए सक्रिय हैं। बताया गया कि जीवन लाल रोजाना सुबह उठकर तालाब की पचरी व पार के एक हिस्से को साफ करते हैं। उनके परिजन भुवन लाल लहरे (74) भी तालाब की सफाई करते नजर आते हैं। इनके अलावा तालाब की सफाई के लिए लोकनाथ साहू (70) वर्ष भी जुड़े रहते हैं। तीनों मित्र मिलकर तालाब को सुंदर बनाने की दिशा में प्रयास कर रह हैं। भुवन लाल लहरे ने बताया कि तालाब के निर्माण को लेकर निर्धारित अवधि पता नहीं है पर उनके पूर्वज भी तालाब को बहुत पुराना बताते रहे हैं। अनुमानित तौर पर तालाब 200 वर्ष से अधिक पुराना बताया जाता है। जिले की सबसे पुरानी बसाहट में से एक ग्राम ओटेबंद के तालाब मे 6 पचरी का निर्माण किया गया है। पचरी के एक छोर के करीब ही पावर पंप से चारों तरफ नल लगाया गया है, जिससे तालाब में जलभराव के अलावा लोगों को पीने के लिए पानी उपलब्ध होता है।
महिला कमांडो की टीम भी पहुंची
आज पत्रिका अभियान में अपनी सहभागिता देने के लिए गांव में सक्रिय महिला कंमाडो की महिलाएं भी पहुंची थी। इनके आलावा स्वच्छता समिति के सदस्य, पंच, सरपंच, स्कूली विद्यार्थी के साथ बुजुर्ग भी सहभागी रहे हैं। तालाब की सफाई के लिए योगदान देने वालों मे जामुन बाई, खुशबू लहरे, धनेश्वरी साहू, धानबाई साहू, फगीन, सूरजा, कौशिल्या, सरपंच भावसिंह राज, लोकनाथ साहू, महेश पांडे, तुलसी राम साहू, कन्हैया साहू, लेखूराम लहरे, चेतन कुमार, जयप्रकाश राज, ओमप्रकाश, दिनेश वर्मा, अर्जुन साहू, धनेश साहू, जित्तू साहू, विकास, ज्ञानचंद, डोमेन्द्र साहू समेत अन्य शामिल हैं। ग्रामीणों ने पत्रिका अभियान के तहत तालाब की सफाई जारी रखने की बात कही है। ग्रामीणों ने अमृतं जलम् अभियान को सराहा है। एक-एक कर गांवों की ओर बढ़ाए जा रहे कदम का लाभ आने वाले दिनों में मिलने की बात कही है।
पुराना तालाब है सौंदर्यीकरण करते तो बेहतर होता
ग्रामीणों ने सदियों पुराने तालाब को संरक्षित करने के लिए शासन से कदम उठाने की दरकार बताई है। ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से शहरों में तालाबों का सौंदर्यीकरण को बेहतर बनाया जाता है, उसी तरह इस तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए। जिससे तालाब गांव के अलावा अन्य लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके।
अब तक पांच गांवों के तालाब हो चुके हैं साफ
जिले में अमृतं जलम् के तहत पत्रिका ने ग्राम लोलेसरा, बैजी, सिरवाबांधा, गांगपुर व ग्राम ओटेबंद के पुराने तालाबों की सुध लेकर तालाबों के संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है। अभियान में अब तक सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं, जिसमें वृद्ध महिलाएं, युवाओं सहित हर आयु वर्ग के लोग सहभागिता निभा रहे हैं।
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