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मवेशियों की शिफ्टिंग के बाद गोड़मर्रा गौशाला सील

locationबेमेतराPublished: Aug 21, 2017 11:59:00 pm

सोमवार को इलाज के दौरान गोड़मर्रा गौशाला में तीन और राजपुर गौशाला में चार मवेशियों ने दम तोड़ दिया।

cow shifteing

Shifting of Cows from cow shelter

बेमेतरा. साजा विधानसभा की तीनों गौशालाओं में डॉक्टरों की निगरानी के बीच मवेशियों की शिफ्टिंग की जा रही है। मवेशियों की शिफ्टिंग के बाद गौशालाओं को सील किया जाएगा। वहीं सोमवार को भी गौशालों में मवेशियों के मौत का सिलसिला सोमवार को भी नहीं थमा। इलाज के दौरान गोड़मर्रा गौशाला में तीन और राजपुर गौशाला में चार मवेशियों ने दम तोड़ दिया।
मवेशियों के शिफ्टिंग का कार्य जारी
गोड़मर्रा, रानो और राजपुर गौशालाओं में मवेशियों के उपचार के साथ स्वस्थ मवेशियों को दीगर जिलों के गौशालाओं में शिफ्ट करने का काम लगातार जारी है। साजा एसडीएम केएस मंडावी ने बताया कि गोड़मर्रा गौशाला को सभी मवेशियों की शिफ्टिंग के पश्चात सील कर दिया गया है। वहीं सोमवार से रानो गौशाला से मवेशियों को शिफ्ट करने का काम शुरू हो गया है। बताया गया कि रानो गौशाला में 250 से अधिक मवेशी थे, जिन्हें मंगलवार तक दीगर जिलों की गौशालाओं में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
गंभीर मवेशियों का उपचार जारी
वहीं एसडीएम धमधा राजेश पात्रे के अनुसार, राजपुर गौशाला में गंभीर रूप से बीमार मवेशियों का उपचार जारी है। जहां मवेशियों के स्वस्थ्य होने के साथ शिफ्टिंग होने पर गौशाला को सील कर दिया जाएगा। बताया गया कि गोड़मर्रा गौशाला से अब तक 656 व राजपुर गौशाला से 529 मवेशी शिफ्ट किए गए हैं। राजपुर गौशाला में पशु चिकित्सक शेष बचे गंभीर रूप से बीमार 28 मवेशियों को बचाने मे जुटे हुए हैं।
सभी सदस्यों पर दर्ज हो प्रकरण
परपोड़ी चौकी प्रभारी जेके बंजारे के अनुसार, 10 आरोपियों में से अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय मे पेश किया गया है। वहीं 7 आरोपियों की तलाश जारी है। चौकी प्रभारी के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके निवास से लेकर संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। वहीं सूचना के आधार पर पुलिस टीम को रवाना किया जा रहा है। गौसेवक राजा पांडे और ताराचंद सोनी के अनुसार, परपोड़ी चौकी में संचालन समिति के सभी सदस्यों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। लेकिन धमधा थाने में राजपुर गौशाला संचालक हरीश वर्मा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर शेष को छोड़ दिया गया है। सभी सदस्यों पर प्रकरण दर्ज करने को लेकर थाना प्रभारी धमधा व पुलिस अधीक्षक दुर्ग को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
दो साल पहले अधिकारियों ने पकड़ी थी गड़बड़ी
बताना होगा कि अगस्त 2016 में गोसेवा आयोग के अध्यक्ष विशेसर पटेल आयोग के अधिकारियों के साथ रानो, राजपुर व गोड़मर्रा की गोशाला का निरीक्षण किया था। जहां उन्होंने तीनों गौशालाओं में चारा-पानी के अभाव के साथ बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई थी। इसी प्रकार वर्ष 2015 में करीब दो दर्जन मवेशियों की मौत के पश्चात तत्कालीन कलक्टर रीता शांडिल्य के निर्देश पर उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा एके सिंग ने गौशाला के निरीक्षण में बदइंतजामी के साथ बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई थी। इसके लिए संचालक हरीश वर्मा को दोषी मानते हुए कार्रवाई को लेकर जांच प्रतिवेदन कलक्टर के माध्यम से गौसेवा आयोग भेजा गया था। स्पष्ट है कि संचालक व भाजपा नेता हरीश वर्मा अपने राजनीति प्रभाव के चलते बीते दो साल से गौशाला संचालन में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां करने के बावजूद बच रहा था। मामले में हरीश वर्मा को संरक्षण देने वाले आयोग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि कौन हैं, यह जांच का विषय है।
जिम्मेदार अधिकारियों पर हो एफआईआर
ग्रामीण मोहन साहू, गौकरण यादव, नीलकंठ यादव के अनुसार, तीनों गौशाला संचालन भाजपा नेता हरीश वर्मा करता था। जहां उसने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी। गौरतलब हो कि प्रत्येक गौशाला को एक साल में अधिकतम 20 लाख रुपए अनुदान मिलता है। हरीश वर्मा को पंजीयन के बाद गौशाला संचालन के लिए लगभग पूरा भुगतान किया जा चुका था। बताना होगा कि गौशाला में मवेशियों की गणना, स्वास्थ्य की स्थिति सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्र के पशु चिकित्सक की रिपोर्ट के आधार पर संचालक को गोसेवा आयोग से भुगतान जारी होता है। बीते दो साल से तीनों गौशाला में लगातार हो रही मवेशियों की मौत के बावजूद संबंधित चिकित्सक ने आंखे मूंदे रखी। जहां तीनों गौशाला के लिए संचालक को 165 लाख रुपए का अनुदान जारी किया गया। स्पष्ट है कि इस गड़बड़झाले में चिकित्सक से लेकर गोसेवा आयोग के अधिकारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। जहां मामले की बारीकी से जांच के पश्चात जिम्मेदार चिकित्सक व गौसेवा आयोग के अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
गोड़मर्रा गौशाला को किया सील
एसडीएम साजा केएस मंडावी ने बताया कि गोड़मर्रा गौशाला को सभी मवेशियों की शिफ्टिंग के पश्चात सील कर दिया गया है। सोमवार से रानो की गौशाला से मवेशियों को शिफ्ंिटग शुरू हो गई है। वहीं गंभीर रूप से बीमार गायों का उपचार जारी है।
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