सवाल:-क्या आप जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं?
गिरिराज:-बेगूसराय से मैं अपनी जीत के प्रति 1०० नहीं, बल्कि २०० फीसदी आश्वस्त हूं। मेरा मुकाबला किसी से नहीं, केवल और केवल गिरिराज से ही है।
सवाल:-देश में मोदी के खिलाफ गठबंधन पर क्या कहेंगे?
गिरिराज:-भाजपा की लड़ाई महागठबंधन से है, जो महागठबंधन नहीं महाठगबंधन है। महाठगबंधन महामिलावट है।
सवाल:-आपके ऊपर बाहरी उम्मीदवार होने का आरोप लगाया जा रहा?
गिरिराज:-बेगूसराय मेरी पहचान की जगह है। देश में अगर गिरिराज को लोग जानते हैं तो बेगूसराय से। गंगा के उस पार या इस पार, माता और पिता बेगूसराय ही है। वे यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के प्रत्याशी हैं और लोग उनका चेहरा नहीं बल्कि इन नेताओं का चेहरा देखकर वोट देंगे।
सवाल:-इस बार आपकी लड़ाई किससे है?
गिरिराज:-बेगूसराय की लड़ाई 2 धाराओं के बीच है। एक विकृत राष्ट्रवाद और दूसरा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद। बेगूसराय में विकास के नाम पर चुनाव होगा। यहां की जनता किसी भी वैसे प्रत्याशी को समर्थन नहीं करेगी जो देशविरोधी, विकास विरोधी बात करता हो।
सवाल:-नवादा सीट से टिकट न मिलने पर बेगूसराय से चुनाव न लडऩे का ऐलान किया था, पर अचानक सुर क्यों बदल गए?
गिरिराज:-वो बात पुरानी हो गई। बात आई-गई हो गई, खत्म। आगे कुछ और पूछिए।
सवाल:-नई दिल्ली-गुवाहाटी रेललाइन से जुड़े बेगूसराय जिले में बंद बड़े खाद कारखाने और अन्य को खोलने सहित विकास की क्या योजना है?
गिरिराज:-इस संबंध में सरकार बनते ही ठोस योजनाओं की घोषणा की जाएगी।
सवाल:-दिनकर की धरती होने के बावजूद बेगूसराय में आज तक उनके नाम पर राष्ट्रीय स्तर का कोई संस्थान नहीं? मंत्री होने के बावजूद आपने कुछ नहीं किया?
गिरिराज:-दिनकर के नाम पर बहुत जल्द ही राष्ट्रीय स्तर का शैक्षिक, सांस्कृतिक संस्थान खोला जाएगा।