ये हाल है क्षेत्र का
मैं पटना से निकल कर हाजीपुर के रास्ते से बेगूसराय का रास्ता पकडता हूं तो चारों तरफ माहौल बदला बदला सा नजर आता है। अच्छी फोरलेन सडकें, ओवरब्रिजों की तो एक के बाद एक लम्बी कतार सी है। पन्द्रह साल पुराने बिहार को याद करता हूं तो अभी पीठ का जानलेवा दर्द याद आ जाता है। कार का चालक बताता है कि अब पहले जैसा बिहार नहीं है। हमारे यहां भी दूसरे राज्यों की तरह सबकुछ है। नीतीश कुमार को केन्द्र के साथ रहने का लाभ मिला है। इसीलिए यहां पर मोदी के पक्ष में हवा है। तीन रानी पंचायत के महारानी चौक पर चौपाल में चाय की दुकान पर कुछ लोग जमे हुए हैं। लोग शंका से देखते हैं। परिचय देने पर खुल जाते हैं। मैने बातचीत शुरू करने के लिहाज से पूछा कि कौन जीत रहे हैं। एक साथ कई आवाजें आती है, वही जीत रहा है। मैं पूछता हो कौन तो जवाब मिलता है, वहीं जो अभी देश पर राज कर रहा है। पाकिस्तान को घुसकर मारा है। मोदी जी। जब ये पूछा जाता है कि भाजपा का प्रत्याशी कौन है तो कहते हैं उससे कोई फर्क नहीं पडता कि कौन है अभी तो मोदी को लाना है। कन्हैया कुमार को लेकर सवाल करने पर वहां के मुखिया बालचन्द्र पासवान कहते हैं कि कन्हैया अच्छे पढे लिखे हैं लेकिन देश के खिलाफ बोलने के कारण बिहार का बदनामी हुआ है। चाय बना रहा मुकुल राय कहता है कि पहली बार उसके खाते में शौचालय और दूसरी योजनाओं के पैसे आए हैं। विकास के काम हो रहे हैं। कमाने के लिए अब बाहर नहीं जाते। ये सब नीतीश अैर मोदी के कारण हुआ है। लालू यादव की पार्टी राजद के बारे में पूछने पर कहते हैं कि उनके कुनबे में जादवी (यादव) संघर्ष मचा है। कुछ लोग यहां पर तनवीर हसन का समर्थन करते मिले तो कन्हैया कुमार के समर्थक भी मिले।
बेगूसराय के नजदीक पहुंचता हूं तो रास्ते में कन्हैया कुमार के प्रचार वाहन मिल जाते हैं। कुछ गांवों के बाहर जनसंवाद कार्यक्रम के बैनर लगे दिखाई देते हैं। पूछने पर पता लगा कि कन्हैया कुमार और उनके समर्थक स्टार प्रचारक गांवों में जाकर लोगों के साथ संवाद करते हैं। एक खेत में गेहूं की कटाई का काम चल रहा था। वहां रुके तो थ्रेसर चलाने वाले लोगों का लंच चल रहा था। पता लगा कि फसल कटाई और परिवार के विवाह समारोह में भाग लेने दूसरे शहरों में बसे राजवीर, श्यामरंजन आए हुए हैं। बातचीत शुरू होते ही कहते हैं कि कन्हैया कुमार को नाहक हीरों बना रखा है मीडियावालों ने। यहां पर कुछ गांवों में तो देशद्रोही कहकर घुसने ही नहीं दिया। बडा कैडर होने की बात पर कहते हैं देखिए, इस कैडर के कारण बेगूसराय में पहले काफी खून बह चुका है अब और नहीं। अब कैडर भी इतना बड़ा नहीं है जितना बताया जा रहा है।
बेगूसराय के बलिया में एक जगह रुकने पर बातचीत का क्रम शुरू होता है तो लोग मुकाबला गिरिराज सिंह और तनवीर हसन के बीच में बता रहे थे। उनका कहना था कि मुसलमान, यादव और निरपेक्ष वोट तनवीर हसन को मिलेगा। तनवीर हसन पिछली बार हारने पर भी क्षेत्र के लोगों के सम्पर्क में रहे हैं। राष्ट्रवादी, भाजपा के वोटों के साथ ही पचपवनिया जातियों का वोट भी गिरिराज को मिलेगा। भूमिहारों का वोट कन्हैया और गिरिराज के बीच बटेंगे। बेगूसराय के हनुमान ढाबा पर जमी चौपाल के बीच भूमिहार गुलाब राय कहते हैं कि मुकाबला गिरिराज सिंह और तनवीर के बीच है। कन्हैया वोट कटुआ साबित होंगे। मुल्ला बदरुद्दीन कहते हैं कि मुसलमान कन्हैया की तरफ नहीं जाएंगे। चाहे जो भी हो यदि कन्हैया मुसलमानों के कारण जीतते हैं तो यह क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं होगा। मोदी को नहीं देंगे लेकिन देश के खिलाफ भी नहीं जाऐंगे। बलिया से वापस लौटते समय कन्हैया कुमार के सडक़ किनारे के प्रचार कार्यालय पर रुके तो मनोरंजन कुमार सिन्हा मिले। उन्होंने कहा कि गिरिराज और तनवीर हसन दोनों को ही कन्हैया कुमार काफी पीछे छोड देंगे। देशद्रोह के आरोपों पर कहते हैं कि सरकार ने कन्हैया पर दमन करने के लिए ऐसे आरोप गढे हैं।
गिगिराज सिंह-सब अच्छा चल रहा है-
मटियामेडवा पंचायत में प्रचार कर रहे गिरिराज सिंह का काफिला मिलता है पूछने पर गिरिराजसिंह रुकते हैं और कहते हैं। अच्छा चल रहा है। पार्टी के विश्वास को तोडूंगा नहीं। मोदी जी की हवा है और ये आंधी में बदलेगी। तनवीर हसन बेगूसराय के अंदर प्रचार करते मिले-पूछने पर कहते हैं कि मेरा मुकाबला गिरिराज से है। कन्हैया कुमार के कारण सेकूलर वोटों का नुकसान हो रहा है। काफी प्रयासों के बाद भी कन्हैया नहीं मिले। कसी पंचायत में प्रचार के लिए बताया जाता तो पता लगता कि वहां तो शाम को आने का कार्यक्रम है।