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Rajasthan : नकली पट्टों का खेल, सरपंच-वीडीओ के नकली सील-साइन से बनाया फर्जी पट्टा, ऐसे हुआ खुलासा

Beawer News : जवाजा ग्राम पंचायत के फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंकों व निजी फाइनेंस कम्पनियों से लोन लेने का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। पंचायत समिति जवाजा की कई ग्राम पंचायतों से मामले सामने आने के बाद अब ठीकराना मेंद्रातान ग्राम पंचायत कार्यालय की नकली सील और साइन करके फर्जी पट्टा बनाने का एक और फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।

ब्यावरFeb 24, 2024 / 11:01 am

Kirti Verma

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Beawer News : जवाजा ग्राम पंचायत के फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंकों व निजी फाइनेंस कम्पनियों से लोन लेने का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। पंचायत समिति जवाजा की कई ग्राम पंचायतों से मामले सामने आने के बाद अब ठीकराना मेंद्रातान ग्राम पंचायत कार्यालय की नकली सील और साइन करके फर्जी पट्टा बनाने का एक और फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।

आवासीय पट्टा बनाकर एक निजी फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के लिए फाइल लगा दी गई। जब कंपनी के प्रतिनिधि ग्राम पंचायत में सत्यापन के लिए पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ। ग्राम पंचायत ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत साकेत नगर थाने में दी है। पुलिस इस मामले में संलिप्त लोगों की तलाश में जुट गई है।

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ग्राम पंचायत ठीकराना मेंद्रातान में मदन सिंह पुत्र मिठ्ठू सिंह के नाम से आवासीय भूमि का फर्जी पट्टा बना लिया गया। गत 20 दिसम्बर 2021 को जारी 58 नंबर का पट्टा बुक संख्या 72 से बनाया गया है। जबकि ग्राम पंचायत में इस तारीख को ना तो कोई कोरम की बैठक हुई और ना ही पंचायत समिति ने उक्त नंबर की बुक जारी की है। इस पट्टा बुक को फर्जी तरीके से छपवा लिया गया। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच के हस्ताक्षर व सील भी पूरी तरह नकली है।

पट्टे में दर्ज रसीद क्रमांक भी रिकॉर्ड से पूरी तरह अलग है। पट्टे का ग्राम पंचायत में रिकॉर्ड नहीं होने के बाद भी इसका पंजीयन करा लिया गया। इससे पंजीयन करने वाले विभाग की कार्यशैली पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। ग्राम पंचायत ने इस मामले की शिकायत पुलिस को दी है और मामले की जांच कर संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को लिखा है।

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कई विभागों पर उठ रहे सवाल
ग्राम पंचायत के दस्तावेजों का रिकॉर्ड का मिलान कर पंजीयन का नियम है। लेकिन रिकॉर्ड का मिलान किए बगैर पंजीयन कैसे हो गया। ग्राम पंचायत में तो ऑफलाइन काम है। अन्य कार्यालयों में ऑनलाइन व्यवस्था होते हुए भी पंजीयन होने पर कई सवाल खड़े हो रहे है।


फर्जी पट्टे के जरिए एक निजी फाइनेंस कंपनी में लोन के लिए आवेदन किया। कंपनी के कर्मचारी सत्यापन के लिए ग्राम पंचायत आए। जांच में सामने आया कि इस संबंध में ग्राम पंचायत में कोई रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस को रिपोर्ट दी है। पट्टे का पंजीयन भी हुआ है।
दीपाराम चौधरी, ग्राम विकास अधिकारी, ठीकराना-मेंद्रातान


ऐसे हुआ मामले का खुलासा
फर्जी पट्टा जारी करने के बाद लोन लेने के लिए आवेदन कर दिया गया। क्षेत्र में लगातार फर्जी मामले बढ़ने के कारण कंपनियों ने लोन देने से पहले संबंधित ग्राम पंचायत से कागजों को सत्यापित करवाना शुरू कर दिया। जब कंपनी के प्रतिनिधि पहुंचे तो उक्त पट्टे को लेकर किसी भी तरह का रिकॉर्ड नहीं मिला। पट्टा नंबर, बुक संख्या, सील-साइन और कोरम की बैठक का रिकॉर्ड गलत मिला। इसके बाद ग्राम विकास अधिकारी को शक हुआ और कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस थाने में रिपोर्ट दी।

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