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समय के साथ बदल रही है संस्कृति

locationब्यावरPublished: Oct 12, 2019 07:16:30 pm

Submitted by:

baljeet singh

 
एसडी कॉलेज : अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन

समय के साथ बदल रही है संस्कृति

समय के साथ बदल रही है संस्कृति


ब्यावर. राजकीय सनातन धर्म महाविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार में अन्तिम दिन सात तकनीकी सत्र हुए। तकनीकी सत्र संचालन समिति के संयोजक डॉ. सोनाराज मोसलपुरी ने बताया कि संगोष्ठी में लगभग 55 शोध पत्रों का वाचन किया गया। प्रत्येक तकनीकी सत्रों में आमन्त्रित व्याख्यान का भी समावेश किया गया। डा.ॅ अशोक कुमार सिरोया ने भी तकनीकी सत्रों के सचालन में सहयोग दिया। उसके पश्चात एक सिमपोजियम का आयोजन किया गया,जिसकी अध्यक्षता रांची से पधारे प्रो.प्रभात कुमार सिंह ने की। हिमाचल प्रदेश से पधारे मोहिन्दर सलारिया ने अपने उदबोधन में परिवर्तित होते समाज पर प्रकाश डाला। कमिश्नर हायर एजुकेशन डॉ. फिरोज अखतर ने भी समाज संस्कृति के परिवर्तित रूप पर विचार व्यक्त किए। डॉ. उमेश कुमार राय ने कहा कि तकनीकी संचार से संस्कृति अवश्य बदल रही है, लेकिन हमें ऐसी संस्कृति का निर्माण करना है, जो मानवता के हित में हों। ग्रामीण संस्कृति को बचाते हुए समाज विकसित हो। सिपोजियम के अन्त में प्रो.प्रभात कुमार ने तकनीकी/राज्य/समाज के विविध बिन्दुओं पर विचार व्यक्त किए। द्वितीय सत्र में आई.पी.मेमोरियल व्याख्यान माला में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो.आनन्द ने बदलते समाज एवं राज्य के परिदृश्य पर विस्तृत चर्चा की समाज का स्वरुप निरन्तर बदल रहा है। उन्होने व्यख्यान में इस बात पर विशेष बल दिया कि भारतीय सता का लोकतन्त्री करण हो रहा है। उन्होने कहा कि लोकतन्त्र का सब जगह प्रचार हो, न्यायपालिका, प्रशासन एवं अन्य संस्थाओं में भी। उन्होने कहा कि राजसता समाज सता की जननीय नहीं है। समाजसता राज सता की जननी है। समापन समारोह के प्रारभ्भ में प्राचार्य प्रो.पुखराज देपाल ने आभार जताया। आईसीएसएसआर के शोध निदेशक डॉ.अजय गुप्ता ने भी सम्बोधित किया। संगोष्ठी कर्ता डॉ.आलोक कुमार मीणा ने आभार जताया। मंच संचालन प्रो.बिन्दु तिवारी, प्रो.दुष्यन्त त्रिपाठी एवं प्रो.सुमिता गुरनानी ने किया।
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