वरघोडे़ में उमडे़ धर्मावलम्बी, झलकी श्रद्धा / मुमुक्ष सोनू रांका का किया बहुमान
ब्यावरPublished: Aug 17, 2019 07:32:08 pm
वरघोडे़ में उमडे़ धर्मावलम्बी, झलकी श्रद्धा
मुमुक्ष सोनू रांका का किया बहुमान
वरघोडे़ में उमडे़ धर्मावलम्बी, झलकी श्रद्धा / मुमुक्ष सोनू रांका का किया बहुमान
ब्यावर. साधुमार्गी जैन संघ के तत्वाधान में मुमुक्षु सोनू रांका का शनिवार को सुबह वरघोड़ा निकाला गया। वरघोड़ा मुमुक्षु के निवास स्थान लोकाशाह नगर, हनुमान गली से रवाना होकर मेवाडी गेट, तेलियान चोपड, भारत माता सर्कल जैन मंदिर, लोहारान चोपड, मालियान चोपड होते हुए समता भवन पहुंचकर धर्मसभा में तब्दील हुआ। वरघोड़े मे घोड़े पर भ्राता व बग्गी में मुमुक्षु के साथ माता नवरत्न देवी व पिता पारस मल रांका बैठे हुए थे। इससे पहले शोभा यात्रा का जगह जगह स्वागत किया गया। लोकाशाह नवयुवक मंडल के दोनो संघ की ओर से मोतीलाल कोठारी व निहालचंद कोठारी व मेवाडी गेट पर अमर चंद नोरत मल बाबेल ने चूंदडी ओढाकर बहुमान किया। प्रवीण बडौला टीम की ओर से तेलियान चौपड व मंगल मार्केटतथा भैरुजी खेजडा पर माणक चंद विकास कुमार श्रीश्रीमाल की ओर से स्वागत किया गया। धर्मसभा में शासन दीपक प्रणत मुनि म सा ने कहा कि राम गुरु के शासन में चौथे आरे के नजारे मिलते है। इनकी छत्र छाया में जीवन को आगे बढाना चाहिए। आज हम इनका अभिनंदन कर रहे है, कल हमको वंदन करना पडेगा। कुछ दिनों मे इनका यह चोला बदल जाएगा। चोले के साथ साथ स्वयं को बदलने के साथ भीतर की भावना को बदलना है। शासन दीपिका चंचल कंवर म सा ने कहा कि जिस प्रकार हरियाली का आगमन होता है, उसी प्रकार सोनू रांका के जीवन में श्रद्धा की भावना जाग्रत होने पर सयंम पाने की चाहत बढने लगती है। अब इनकी तमन्ना साध्वी को प्राप्त करना है, सिद्धी को प्राप्त करने के लिए निरंतर चलना पडेगा। जो 20 अगस्त को साकार होने जा रहा है। महासती पराग श्रीजी मसा ने कहा कि आज का प्रसंग अलोकिक करने वाला है। सोनू रांका का यहां बेठी हुई है, दो दिन बाद वे साध्वी बनकर हमारी बहन हो जाएगी। शमित मुनि म सा ने प्रत्याखान कराने के बाद मांगलिक दी। जवाहर भवन में दोपहर को विभिन्न संघो व साधुमागीॅ जैन संघ की तीनो ईकाइयो की ओर सेअभिनंदन किया गया। जिसमें अध्यक्ष गजराज गुलेछा, महामंत्री हुक्मी चंद औस्तवाल, भंवरलाल औस्तवाल, सोहनलाल रांका, विनय रांका ने अभिनंदन पत्र का वाचन करके पिता माता व मुमुक्षु को अभिनंदन पत्र सौंपा।