रथ मे विराजित प्रभु जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण करते हुए शाम को बांकेबिहारी मन्दिर अपने ननिहाल पहुंचे। ठाकुरजी के रथ के मन्दिर में प्रवेश करने पर 21 कन्याओ ने मंगलकलश धारण करके अगवानी की। प.ं मुकुन्द शरण दाधिच के सानिध्य में 5 विप्रजनो की ओर से मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया गया व आरती उतारी गई। इस अवसर पर बॉकेबिहारी मन्दिर के ट्रस्टी माणक डाणी, नेमीचंद सर्राफ, महेन्द्र सलेमाबादी, सुरेश रायपुरिया, राधेश्याम डाणी एवं कान्तिलाल डाणी, अविनाश गर्ग एवं उत्सव समिति के सदस्यो ने भगवान जगन्नाथ का भव्य स्वागत किया। प. जितेन्द्र दाधिच ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा को बांंकेबिहारी मन्दिर में निर्मित विशेष श्रृगांरित कक्ष में विराजमान कराया। यहां ठाकुरजी अपने ननिहाल में नौ दिवस तक विश्राम करेगे।
नौ दिवसिय उत्सव में प्रसंग के अनुसार ठाकुरजी का अलग अलग प्रकार से नयनाभिराम शृंगार होगा। इसके लिए मोनू अरोडा, गोपाल अरोडा, नटवर अरोडा, महेश सिंहल की एक समिति बनाई है। प्रतिदिन आयोजित होने वाले उत्सव के पश्चात चावल से निर्मित विभिन्न प्रकार के व्यंजनो का प्रसाद वितरण किया जाएगा। इसके लिए गोविन्द किशोर गोयल, श्यामसुन्दर अग्रवाल, राधेष्याम डाणी एवं कान्तिलाल डाणी, सतीष गर्ग को नियुक्त किया गया है।
बांके बिहारी मन्दिर में शुक्रवार को ठाकुरजी का जन्मोत्सव एवं नन्द उत्सव मनाया जायेगा। जानकी मण्डल की कुसुम डाणी ने बताया कि मण्डल प्रमुख कविता गर्ग, पार्वती गोयल,सुनीता यादव,गंगा गर्ग, हेमलता शर्मा आदि भजनो की प्रस्तुति देगी। जन्मोत्सव में कन्हैया के बालरूप की झांकी सजाई जाएगी एवं नन्द महोत्सव के दौरान मन्दिर परिसर को गुब्बारो से सजाया जाएगा एवं राधा कृप्ण की सजीव झांकिया बनाई जाएगी। महोत्सव के दौरान खिलौने, माणक मोती एवं मुद्रा स्वरूप बधाईयां वितरित की जाए। माखन मिश्री का प्रसाद दही हांडी के प्रसंग के दौरान वितरित होगा।