दरअसल, 25 दिसम्बर 1988 में डुमरियागंज के वर्तमान सांसद और उस समय वन राज्य मंत्री जगदम्बिका पाल ने संत रविदास वन विहार (राष्ट्रीय वन चेतना केंद्र) का शिलान्यास किया था। उस समय पार्क में आकर्षक बाल उद्यान, झील, फव्वारा, वाच टावर, झूला, एक्वेरियम बनाया गया, तमाम वन्य जीव रखे गए लेकिन यह सब आज बदहाल है। पार्क में घड़ियाल और मछली पालन के लिए लाखों रुपये खर्च कर अलग-अलग तालाब बनाए गए थे। घड़ियाल तो आए नहीं पर तालाब पूरी तरह से बदहाल हो गए हैं। हालांकि फिर तालाब में ठेके पर मछली पालन के लिए दिया गया है। तालाब में नौकायन के लिए मंगाए गए पैडल बोट कहा गए कुछ पता ही नहीं। पार्क से सटे स्थित कुआनों घाट भी जर्जर हो चुका है. लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां भी बनवाई गई थी, लेकिन देखरेख के अभाव में यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन सब अव्यवस्थाओं की वजह स लोगों ने आना ही छोड़ दिया।
पार्क में बच्चों को झूला झूलने के लिए तरह-तरह के झूले लगाए गए हैं लेकिन अब यह टूट चुके हैं। बच्चे पार्क में आते हैं मायूस होकर लौट जाते हैं। सुरक्षा और चारों तरफ का नजारा देखने के लिए बनाया गया वाच टावर जर्जर हो गया है। बड़ी-बड़ी झाड़ियों के कारण यह दिखता ही नहीं। इस बाबत जब डीएफओ ने कहा कि वन विहार के सुंदरीकरण के लिए बजट मांगा गया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से भी बात की गई है, साथ ही डीएम ने खुद संज्ञान लिया है और दो बार निरीक्षण भी कर चुके हैं। डीएफओ ने कहा कि जल्द ही वन विहार को बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर लिया जाएगा।