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आजमगढ़ में सौ से अधिक शिक्षकों की जा सकती है नौकरी, 25 को हटाया जा चुका

locationबस्तीPublished: Oct 19, 2018 04:07:29 pm

संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री व अंकपत्र मामला।

Teachers

शिक्षक

आजमगढ़. फर्जी अंकपत्र लगाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले फ्राड शिक्षकों की अब खैर नहीं है। शासन के निर्देश के बाद विभाग एक के बाद एक शिक्षकों को खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दिया है। वर्ष 2018 में अब तक दो 25 शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं। अभी 100 से अधिक शिक्षकों की बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह दिन के अंदर तीन शिक्षकों को बर्खास्त किया है। बर्खास्त तीनों शिक्षक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के नाम से ही फर्जी अंकपत्र बनायाए थे। इसलिए विभाग अंक पत्र बनाने वाले गिरोह की भी जांच शुरू की है ताकि इसे जड़ से समाप्त किया जा सके।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को पवई विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सलारपुर के सहायक अध्यापक अरविद राय पुत्र अवध नरायन राय तथा मोहम्मदपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय ईश्वरपुर पर तैनात सहायक अध्यापक कुसुमलता राय पुत्री शिवकुमार राय की सेवा समाप्त की। इन लोगों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी का अंक पत्र लगाया था। ठेकमां विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय जिबली पर तैनात सरिता राय पुत्री शिवशर्मा राय की सेवा भी समाप्त की जा चुकी है। इनका भी फर्जी अंक पत्र संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी का लगा था। इसके पूर्व भी आधा दर्जन बर्खास्त शिक्षकों का फर्जी प्रमाण पत्र भी वाराणसी के ही बने हैं। आशंका है कि अब भी तमाम ऐसे शिक्षक हैं जिनका फर्जी प्रमाण पत्र संस्कृत विश्वविद्यालय के लगाए गए हैं। जिस तरह से चार हजार से अधिक शिक्षकों की जांच प्रक्रिया चल रही है, उससे लग रहा है कि अभी सैकड़ों शिक्षकों के फंस सकते हैं।
बीएसए का कहना है कि वर्ष 2016 में बीएसए कार्यालय द्वारा 15000 व 16448 शिक्षक भर्ती निकली थी। इसमें 15000 शिक्षक भर्ती में मेरिट कम होने की वजह से तमाम शिक्षक नियुक्ति पाने से वंचित हो गए। इसके बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों ने विकलांग प्रमाण पत्र व फर्जी अंक पत्र के आधार पर 16448 शिक्षक भर्ती में आवेदन कर दिया। इसमें उनका चयन हो गया था। जांच में फर्जी मिलने पर शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।किसी भी फर्जी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगी। एडीएम नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में जांच की जा रही है। जैसे-जैस मामला साफ होगा, वैसे-वैसे सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
विभाग के मुताबिक आगरा, अलीगढ़, गोरखपुर विश्वविद्यालय, संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के फर्जी अंक पत्र लगाकर तमाम लोग सहायक अध्यापक बनकर शिक्षा विभाग को चूना लगा रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा, मध्य प्रदेश, जम्मू सहित अन्य प्रांत का फर्जी अंक पत्र लगाकर तमाम शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। चार हजार से अधिक शिक्षकों में हजारों शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी होने की आशंका है। जांच अधिकारी अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील सिंह की मानें तो 15000 व 16000 की नियुक्तियों में सैकड़ों अभ्यर्थी फर्जी अंक पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं। यह दावा उन्होंने पिछले साल ही कर दिया था, लेकिन जांच प्रक्रिया सुस्त होने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब दोनों बिदुओं को देखकर जांच प्रक्रिया चल रही है।
By Ran Vijay Singh

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