बस्तरिया बच्चों का कारनामा देख मंत्री हुए दंग, बोले दुनिया में नहीं ऐसा अजूबा
देश के नक्शे में सबसे पिछड़े इलाके में शामिल बस्तर के बच्चों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे देख प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत समेत पर्यटन मण्डल अध्यक्ष संतोष बाफना भी हैरान रह गए।
जगदलपुर. देश के नक्शे में सबसे पिछड़े इलाके में शामिल बस्तर के बच्चों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे देख प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत समेत पर्यटन मण्डल अध्यक्ष संतोष बाफना भी हैरान रह गए। मंत्री मूणत बोले, पूरी दुनिया घूम डाली पर ऐसा अजूबा आज तक नहीं देखा। इस अजूबे को अपने आंखों के सामने होते देखना अलग ही अहसास है। वैसे बच्चों का यह कारनामा जानकर मंत्री तो क्या पुरी दुनिया दंग रह जाएगी।
अब इस सस्पेंस को खत्म करते हैं और आपको बताते हैं बच्चों का यह कारनामा। 18 जनवरी को बस्तर के 45 हजार बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी के जरिए 35 हजार सांइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स का 116 केन्द्रों में प्रदर्शन किया। यह कोई ऐसी-वैसी प्रदर्शनी नहीं थी। पूरी दुनिया में आज तक कभी भी ऐसी प्रदर्शनी नहीं हुई। खास बात यह है, प्रदर्शनी में जितने भी प्रयोग किए गए सभी कबाड़ से जुगाड़ कर बनाए गए थे। अब इस रिकार्ड को लिम्का बुक्स में दर्ज करने की कोशिश हो रही है।
एक्जीबिशन में पहुंचे मंत्री मूणत बस्तर के बच्चों के एक से एक प्रयोग देखकर काफी ज्यादा उत्साहित दिखे। उन्होंने यहां बच्चों से मुलाकात की और प्रयोगों के बारे में जानकारी भी ली। ओझारीगुड़ा पामेला के आठवीं कक्षा के छात्र ने प्लास्टिक के कनस्तर से सूक्ष्मदर्शी यंत्र बनाया था। यह जुगाड़ मंत्री समेत वहां मौजूद सभी लोगों को आश्चर्यचकित रह गए।
पण्डरीपानी हाईस्कूल के ग्यारहवीं कक्षा के छात्र राजू कश्यप व उनकी टीम के हाइड्रोलिक जेसीबी की भी काफी सराहना हुई। आठवीं कक्षा के दुर्योधन बघेल के वैक्यूम क्लीनर की तकनीक देख मंत्री अपने को रोक नहीं सके और उन्होंने राजू से हाथ मिलाया और शाबास कहा।
पीडब्लूडी मंत्री मूणत ने कलक्टर अमित कटारिया की इस पहल के लिए जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, कलक्टर ने अपने यूनिक आइडिया से ऐसे अजूबे को कर दिखाया है जो असंभव था। इस प्रयोग से निश्चित ही बच्चों में विज्ञान के लिए सोच बदलेगी और वे विज्ञान से जुड़ सकेंगे। बस्तर जहां लैब है न इक्वीपमेंट्स इसके बाद भी बच्चों को इस तरह से एकजुट होकर विज्ञान से जुड़ते हुए देखना सुखद अनुभव है।
वे इस एग्जीबिशन से इतने प्रभावित हुए, उन्होंने इस तरह का साइंस एग्जीबिशन अब अपने विभाग की ओर से भी आयोजित करने की बात कही। बस्तर के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने पांचवी, आठवीं, दसवीं व बारहवीं कक्षा में अव्वल आने वाले बच्चों को ग्यारह-ग्यारह हजार रुपए ईनाम के तौर पर देने की घोषणा भी की।