मीडिया ग्रुप पर भड़के डॉक्टरों का गुस्सा पत्रकारों पर फूटा, छीने कैमरे, की बदसलूकी
दो प्रमुख अखबार के रिपोर्टर पर भड़के डॉक्टरों का गुस्सा सभी पत्रकारों के खिलाफ फूटा। डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन के कव्हरेज लिए पहुंचे हर मीडिया पर्सन से बदसलूकी कर डाली।
जगदलपुर. राजधानी रायपुर से प्रकाशित दो प्रमुख अखबार के रिपोर्टर पर भड़के डॉक्टरों का गुस्सा बुधवार को सभी पत्रकारों के खिलाफ फूटा। दो राष्ट्रीय अखबारों के रिपोर्टर के खिलाफ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के कव्हरेज लिए पहुंचे हर मीडिया पर्सन से बदसलूकी कर डाली। डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के चलते दोपहर तक अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं ठप रही। मरीजों को परेशान होते देखा गया। दोपहर बाद कुछ डॉक्टर्स के काम पर लौटे लेकिन ज्यादातर विरोध में ही डटे रहे।
मेकॉज प्रवक्ता केएल आजाद ने बताया, मेकॉज के जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस में कुछ मीडियाकर्मियों के खिलाफ बदसलूकी करने व शासकीय काम में बाधा उत्पन्न करने की शिकायत दर्ज करवाई है। डॉक्टरों का कहना है यदि कार्रवाई नहीं होती है तो डॉक्टरों का प्रदर्शन आगे जारी रहेगा। इधर डॉक्टरों की बदसूलकी से नाराज मीडियाकर्मियों ने भी कोतवाली थाने पहुंचकर डॉक्टरों के खिलाफ नामजद शिकायत की है।
गिरेबां पकड़कर छिने कैमरे, परिसर के बाहर खदेड़ा डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के कव्हरेज के लिए पहुंचे प्रिंट, डिजिटिल मीडिया से जुड़े करीब आधा दर्जन से ज्यादा पत्रकार व फोटोजर्नलिस्ट डॉक्टरों के गुस्से का शिकार बने। डॉक्टरों ने हमें हमारी बात रखने के लिए किसी मीडिया की जरूरत नहीं कहते हुए मीडियाकर्मियों को रिपोर्टिंग करने से मना किया। डॉक्टर यहीं नहीं रुके पुलिस की मौजूदगी में ही पत्रकारों के गिरेबां पकड़े, उनके कैमरे छिने और अश्लील गाली-गलौज करने के साथ जान से मारने की धमकी भी थी। यही नहीं पत्रकारों को मेडिकल कॉलेज परिसर के बाहर तक खदेड़ा। पत्रकार प्रशांत गजभिए, फोटोजर्नलिस्ट सतीश साहू, नवीन गुप्ता, गिरिश शर्मा, संतोष ठाकुर, धर्मेन्द्र महापात्र, जीवानंद हालदार समेत अन्य पत्रकारों को डॉक्टरों के गुस्से का शिकार होना पड़ा।
मेकॉज अधीक्षक की अनुसनी, बहुत हुआ अब हम नहीं रुकेंगे इधर जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को देखते मेकॉज अधीक्षक व डीन अविनाश मेश्राम ने डॉक्टरों को समझाइश देने पहुंचे। लेकिन यहां मौजूद सैकड़ों डॉक्टरों ने उलटे मेकॉज अधीक्षक की ही क्लास ले डाली। कुछ सीनियर डॉक्टरों के साथ मिलकर मेकॉज अधीक्षक को ही धमकाते हुए कहा गया, आप इस मामले में कुछ नहीं करना चाहते हैं तो न करें लेकिन अब हम नहीं रुकेंगे।
डॉक्टरों के रवैये से गुस्साए मीडियाकर्मी पहुंचे थाने डॉक्टरों के इस रवैये से मीडिया पर्सन बेहद नाराज दिखे। शहर के विभिन्न पत्रकार संघ व पदाधिकारियों के साथ सौ से अधिक पत्रकारों ने सिटी कोतवाली पहुंचकर डॉक्टरों की बदसलूकी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। मामले के तूल पकड़ते ही प्रशासन की ओर से एडीएम राजेश नशीने ने मामले को सुलझाने की कोशिश की पर प्रशासन की समझाइश के बावजूद पत्रकार मानने को तैयार नहीं हुए और डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते रहे।
इस दौरान पत्रकार संघ के अध्यक्ष एस करीमुद्दीन, भंवर बोथरा, सत्यनारायण पाठक, सुरेश रावल, सुधीर जैन, नरेश मिश्रा, धर्मेन्द्र महापात्र, अनिल सामंत, श्रीनिवास रथ, रानू तिवारी, प्रशांत गजवीर, गजेन्द्र साहू, संतोष ठाकुर, अशोक नायडू, संतोष वर्मा, विजय पचौरी, योगेश पानीग्राही समेत अन्य पत्रकार मौजूद थे।
पत्रकार-डॉक्टरों ने एक-दूसरे के खिलाफ की शिकायत पत्रकारों ने सिटी कोतवाली में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हरिश जाधव, विनित मित्तल, मनोज धुर्वे, त्रिलोक, वासुदेव, दीपक पटेल की नामजद व अन्य डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पत्रकार डॉक्टरों के ऊपर लीगल एक्शन लेने की मांग कर रहे थे। इधर दोपहर को डॉक्टरों ने भी राष्ट्रीय अखबारों के दो रिपोर्टर के खिलाफ नामजद शिकायत की है। दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है, राष्ट्रीय अखबारों के दो रिपोर्टर मंगलवार को अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने ड्यूटीरत डॉक्टरों से बदसलूकी की। अस्पताल के डॉक्यूमेंट्स को भी फाडऩे की कोशिश की।
स्वास्थ्य मंत्री से मामले की शिकायत, निलंबन की मांग इधर मीडिया पर्सन से बदसलूकी पर पत्रकार संघ अध्यक्ष एस करीमुद्दीन ने स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल से बात की। उन्होंने मामले की पूरी जानकारी देते हुए दोषी डॉक्टरों को निलंबित करने की मांग की है। पत्रकार संघ अध्यक्ष ने कहा, बस्तर जैसे संवेदनशील इलाके में मीडिया बेहद जिम्मेदारी से काम कर रही है। मीडिया से इस तरह की बदलसूकी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राजनीतिक दल के नेताओं ने भी की निंदा डॉक्टरों के पत्रकारों से बदसलूकी की राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं ने भी निंदा की है। युवा आयोग अध्यक्ष संग्राम सिंंह राणा, कांग्रेसी नेता सुशील मौर्य, सत्तार अली, अजय बिसाई, आम आदमी पार्टी के रोहित आर्या ने पत्रकारों के साथ हुए दुव्यर्वहार की निंदा करते हुए दोषी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है।
12 घंटे थैले में पड़ा रहा नवजात का शव, मीडिया में खबर आई तो बिगड़ा मामला करीब एक सप्ताह पहले अस्पताल के गायनिक वार्ड में बीजापुर की आदिवासी महिला शशिकला के बच्चे की मौत के बाद नवजात का शव 12 घंटे तक झोले में रखा रहा। कलक्टर अमित कटारिया को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने बच्चे के शव व परिजन को उनके घर वापस भिजवाने की व्यवस्था की। कलक्टर ने इस मामले की जांच के आदेश भी दिए। मीडिया में इस खबर के प्रकाशन के बाद से ही डॉक्टर और पत्रकारों के बीच तनातनी चल रही थी।
एक दिन पहले रायपुर से प्रकाशित राष्ट्रीय मीडिया से जुड़े दो पत्रकार अस्पताल में पहुंचे थे। इस दौरान वहां मौजूद किसी डॉक्टर ने पत्रकारों की फोटो खींची। इस बात को लेकर डॉक्टर्स और पत्रकारों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद डॉक्टर पत्रकारों के विरोध में प्रदर्शन पर उतर आए और फिर यहां पहुंचे मीडियाकर्मियों से भी बदसलूकी कर डाली।