श्रमदान के लिए क्षेत्र के समाजसेवी, युवा, बुजुर्ग व अन्य सभी वर्ग के लोग परात, फावड़े लेकर पहुंच गए और उत्साह के साथ श्रमदान कर प्राकृतिक कुण्डों की साफ सफाई में जुट गए। यहां एक सप्ताह में दूसरी बार श्रमदान किया गया।
इससे पहले २२ मई को भी क्षेत्र के युवाओं व ग्रामीणों ने पत्रिका की एक आवाज पर यहां तीनों कुण्डों में श्रमदान कर सफाई की थी। लगातार दो बार सफाई कर ग्रामीणों ने कुण्डों की कायापलट कर दी।
इस दौरान नौरंगपुरा सरंपच रामशरण गुर्जर व समाज सेवी नेपाल सिंह तंवर के नेतृत्व में क्षेत्र के समाज सेवी, युवाओं व अन्य वर्ग के लेागों ने सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे तक कुण्डों की साफ सफाई की।
चमक उठे कुण्ड श्रमदान के लिए लोगों में इस कदर उत्साह था कि लोग सुबह से ही बाल्टी, परात, फावड़े लेकर पहुंच गए और कुण्डों में भरे गंदे पानी को बाहर निकालकर सीढियों, कुण्डों के अंदर व आसपास जमीं काईं, कचरा व गंदगी को बाहर निकाला।
सफाई के बाद कुण्ड चमक उठे। ग्रामीणों ने बाणगंगा तट पर हनुमानजी महाराज मंदिर के प्राकृतिक कुण्ड चमकाने के बाद कपासन माता मंदिर के सामने स्थित कुण्ड की भी साफ सफाई की। इस मौके पर नौरंगपुरा सरपंच रामशरण गुर्जर, तेवड़ी ग्राम सेवा सहकारी अध्यक्ष हंसराज गुर्जर, समाज सेवी नेपाल सिंह तंवर, नौरंगपुरा उपसरंपच जयराम सैनी, जगदीश गुर्जर, गिरेन्द्र सिंह नौरंगपुरा, अर्जुन लाल यादव, शिवराज सिंह शेखावत, चिरंजीलाल जाङ्क्षगड़, ताराचंद सैनी, जितेन्द्र स्वामी, अजय भाया, राहुल सैनी, जेपी यादव, चौथमल मीणा, श्रीराम गुर्जर, देशराज, किशन शर्मा, उमेश कुमार, बाबूलाल मीणा, सुभाष हलवाई, लल्लू दास, पुरुषोतम शर्मा, पूरण जांगिड़ सहित 35 से अधिक लोगों ने श्रमदान किया।
मारवाड़ी लोक गीतों ने बढ़ाया जोश
श्रमदान के दौरान समाजसेवी नेपाल सिंह तंवर ने मारवाड़ी लोक गीतों गाकर श्रमदान कर रहे लोगों में जोश भर दिया। जिससे युवाओं ने और अधिक उत्साह के साथ श्रमदान किया। उन्होंने लोकगीतों के माध्यम से इन्द्रदेव को रिझाया, जिससे इस बारिश अच्छी बारिश हो।
सभी ने पत्रिका के अभियान को सराहा, लिया संकल्प
सरंपच रामशरण गुर्जर, सहकारी समिति अध्यक्ष हंसराज गुर्जर, समाज सेवी नेपाल सिंह तंवर, जगदीश तंवर समेत सभी लोगों ने पत्रिका के अमृतम जलम अभियान की सरहाना करते हुए लोगों से इस अभियान से जुड़कर पानी की बूंद -बूंद सहेजने और प्राकृतिक जजलस्रोतों का संरक्षण करने का आग्रह किया। साथ ही सूखे पड़े प्राकृतिक कुण्डों, कुए बावडिय़ों की सफाई करने और उनमें कचरा नहीं डालने का संकल्प दिलाया।