गुरु नानक देव ने सीख दी थी कि समाज में कोई भी व्यक्ति हो, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो, भूखा नहीं रहना चाहिए। भूखे मनुष्य को भोजन कराना परमात्मा की सेवा करने जैसा है। समिति के कुमार गौरव व ब्लॉक उपाध्यक्ष मुकेश देवंदा ने कहा कि निर्धन की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य का काम है।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने शाहपुरा क्षेत्र की विभिन्न बस्तियों में रहने वाले जरुरतमंद परिवारों को सर्दी से बचाव के लिए कपड़े, कम्बल वितरित किए। साथ ही आटे के बैग, फल आदि खाद्य सामगग्री भी दी। जिसे पाकर बाशिन्दों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी। इस दौरान रामलाल भांभू, ओमप्रकाश, मोहनलाल सहित कई लोग मौजूद थे।
गुरु नानक देव जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई
शाहपुरा। कस्बे में दिल्ली रोड स्थित श्रीराम कुंज में मंगलवार को गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश पर्व कार्यक्रम थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं मनोज काके की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
विशिष्ट अतिथि कांग्रेस के विधानसभा संयोजक मुरलीधर पलसानिया, शाहपुरा युवा विकास मंच के संरक्षक विजय पटवारी व महावीर तायल थे। इस दौरान पंजाबी समाज की वयोवृद्ध लज्जारानी अलग ने सभी लोगों को गुरु नानक देव के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि एक बार गुरु नानक देव अपने शिष्य मरदाना के साथ लाहौर यात्रा पर थे। उस दौरान उन्होंने एक गांव में लोगों को आबाद रहो, तो दूसरे गांव में उजड़ जाओ का आशीर्वाद दिया। इस पर उनके शिष्य मरदाना ने इसका कारण पूछा, तो नानकजी बोले कि बुरे लोग एक जगह ही रहने चाहिए, ताकि बुराई नहीं फैले और अच्छे लोग फैलें ताकि अच्छाई का पूरे विश्व में प्रचार -प्रसार हो।
थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव के जीवन से हमें प्रेरणा लेकर आत्मसात करना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक शाहपुरा युवा विकास मंच के अध्यक्ष राजेश मंडोवरा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को गुरु नानक देव के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में अहम भागीदारी निभानी चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक शाहपुरा युवा विकास मंच के अध्यक्ष राजेश मंडोवरा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को गुरु नानक देव के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में अहम भागीदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने थाना प्रभारी का साफा पहनाकर एवं प्रतीक चिह्न देकर अभिनंदन किया। इस दौरान जोगेश अलग, उपाध्यक्ष नवरतन चावला, खेमराज वर्मा, बाबूलाल सैन, रविश अलग, सांवरमल बींवाल, देवी सहाय वर्मा, बंशीधर वर्मा, इमामुद्दीन मंसूरी, हनीफ खां, महादेव छैला, गजानंद मंडोवरा ने भी विचार व्यक्त किए।