उभर कर आए मुद्दे एडवोकेट एन. एल. शर्मा ने कहा कि सरकारी योजनाएं ठीक थी, लेकिन उनका क्रियान्वयन ठीक नहीं रहा। नौकरशाही हावी रही। विधायक लक्ष्मीनारायण बैरवा की कार्य शैली से कार्यकर्ताओं में नाराजगी रही। उनके किए वादे पूरे नहीं हो सके। सरकारी कॉलेज, अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं की कमी आज भी लोगों को कमी खल रही है। प्रहलाद भगत ने सरकारी वाचनालय, गांवों में सड़कों की कमी, आवागमन के साधनों का अभाव सहित राजधानी के पास होने के बावजूद विकास से कोसो दूर बताया। सत्यनारायण गुर्जर ने कहा कि औधोगिक क्षेत्र नहीं है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है। दो साल में गौरव पथ का निर्माण नहीं होने का मामला उठा। लोगों ने कहा कि गत चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी ने भी क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। लोगों ने कहा कि जो जनता के दु:ख दर्द की सुनेगा उसे ही वोट देंगे।
स्थानीय का छाया मुद्दा चर्चा के दौरान सामने आया कि लोग स्थानीय व्यक्ति को ही विधायक के रूप में देखना चाहते हंै। उनकी पीड़ा है कि स्थानीय होने से समस्याओं का समय पर समाधान होगा। बाहरी व्यक्ति जीत कर चला जाता है, कभी कभार ही वह जनता के बीच आ पाता है। जिससे उसे आमजन की समस्याओं की जानकारी नहीं होती। स्थानीय के साथ लोगों ने शिक्षित व बेदाग प्रत्याशी पर जोर दिया।
फेक न्यूज पर हुई चर्चा यात्रा के दौरान फेक न्यूज को लेकर भी लोगों से चर्चा हुई। लोगों ने मांग उठाई कि गलत व भ्रमित करने वाली न्यूज पर रोक लगनी चाहिए। मतदाताओं को लुभाने वाली व लाभ पहुंचाने वाली खबरे बंद होनी चाहिए। इस दौरान लोगों को बिना तथ्यात्मक वाली पोस्ट को आगे फारवर्ड नहीं करने के लिए जागरूक करते हुए उसके नुकसान के बारे में बताया।