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जिंदगी देने वाले अस्पताल में लापरवाही से महिला की मौत

locationबड़वानीPublished: Sep 11, 2018 11:07:26 am

सीजर के बाद प्रसूता को हुई घबराहट, डॉक्टर ने लगवाए इंजेक्शन, इंजेक्शन लगाने के बाद रात में महिला की मौत, अस्पताल में हंगामा, परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, पुलिस और एसडीएम भी पहुंचे अस्पताल

Woman's death in hospital negligently

Woman’s death in hospital negligently

बड़वानी. सुरक्षित प्रसव के लिए सारा तानाबाना बुनने के बाद भी महिला अस्पताल में लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई। महिला को दोपहर में सीजर किया गया था। कुछ देर बाद ही घबराहट शुरू हो गई थी, लेकिन प्रसूता को देखने डॉक्टर नहीं पहुंची। स्थिति के बारे में बताया तब डॉक्टर ने इंजेक्शन लिखा, इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही महिला की हालत बिगडऩे लगी और रात में उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। स्थिति डॉक्टर को पीटने तक पहुंच गई थी। हालांकि पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी।परिजनों और पुलिसकर्मियों के बीच भी जमकर झड़प हुई।बाद में सिविल सर्जन और एसडीएम भी मौके पर पहुंचे।करीब तीन घंटे तक हंगामा चला और पुलिस ने मामला अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया तब कहीं जाकर शव को मॉर्चरी में रखवाया गया। जानकारी के अनुसार शहर निवासी सपना चौहान की शादी खरगोन निवासी धर्मेंद्र भावसार से हुई थी। पहली डिलेवरी होने के लिए मायके वाले सपना को बड़वानी लेकर आए थे। उसे शनिवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था।रविवार को दोपहर करीब एक बजे उसे सीजर से बेटी पैदा हुई।सीजर होने के करीब दो घंटे बाद सपना को घबराहट शुरू हो गई और रात में उसकी मौत हो गई।
इंजेक्शन लगाने के बाद हुई मौत- परिजन
सपना के परिजनों का आरोप हैकि जब घबराहट शुरू हुई थी तब स्टाफ को इसकी जानकारी दी। लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया।इसके बाद डॉ. सुशीला चौहान को स्थिति बताई तब उन्होंने इंजेक्शन लिखा । यह इंजेक्शन लगाने के बाद सपना की हालत और बिगड़ गई और रात करीब साढ़े नौ बजे उसकी मौत हो गई।
जमकर हुआ हंगामा
परिजनों का आरोप है कि सपना की जान लापरवाही के कारण गई है। यदि समय रहते उसे देख लिया जाता तो उसकी जान नहीं जाती।परिजनों ने आरोप यह भी लगाया कि डॉ. मरीज को देखने के बजाय मोबाइल में व्यस्त थी।सपना की मौत को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। महिला डॉक्टर ने किसी तरह एक कमरे में घुस कर हंगामा करने वालों से खुद को बचाया। परिजनों ने खून की बोतल भी फोड़ दी।सूचना पर सिविल सर्जन भी पहुंच गई और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन हंगामा बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मामला इतना बिगड़ा कि परिजनों और पुलिसकर्मियों के बीच भी झड़प हो गई। बाद में एसडीएम अभयसिंह ओहरिया भी पहुंचे और परिजनों को समझाइश देकर मामला शांत कराया। देर रात करीब साढ़े 12 बजे परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया।
इंदौर रैफर करते तो बच जाती जान
महिला अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। बावजूद इसके मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता। परिजनों ने कहा कि अगर अस्पताल में सीजर नहीं हो सकता था तो महिला को इंदौैर रैफर कर देते। ऐसे में उसकी जान बच जाती।
इंजेक्शन से लेकर बॉटल भी बाजार से बुलवाई
अस्पताल में दवाईयों के नाम पर भी रुपया पानी की तरह बहाया जाता है। फिर भी मरीजों को दवाईयां बाहर से लाना पड़ता है। रविवार को भी ऐसा ही देखने को मिला। मृतक के भाई चेतन चौहान ने बताया कि डॉक्टर ने इंजेक्शन से लेकर बॉटल तक बाजार से बुलवाई। अस्पताल में दवाईयां उपलब्ध नहीं है।
एसडीएम की समझाइश, महिला पुलिस देर से आई
अस्पताल में हुए हंगामे की सूचना एसडीएम अभयसिंह ओहरिया को भी दी गई। उन्होंने मौके पर पहुंचकर परिजनों से चर्चा की। परिजन अस्पताल में ही कार्रवाई की बात पर अड़े रहे। इसपर एसडीएम ने समझाइश देते हुए कहा कि कार्रवाई चाहते हो तो थाने में रिपोर्ट दर्ज कराओं। हंगामे में महिला पुलिसकर्मी देर से पहुंची।

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