अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित राजपुर विधान सभा सीट आदिवासी बाहुल्य है। वहीं किसान मतदाताओं की संख्या भी यहां ज्यादा है। हर बार चुनावों में यही आदिवासी और किसान मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करते हैं। यही कारण है कि यहां किसानों से जुड़े मुद्दे और आदिवासियों से जुड़े मुद्दे चुनाव में चर्चा का सबसे अहम मुद्दा बने रहते हैं।
राजपुर सीट राजनीतिक इतिहास
राजपुर विधानसभा सीट के नतीजों पर पूरे प्रदेश की नजर होती है। क्योंकि इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता बाला बच्चन चुनाव लड़ते हैं। जो एक बार दिग्विजय सिंह सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और कमलनाथ सरकार में गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रह चुके हैं। हालांकि पिछले चुनाव की बात की जाए तो भाजपा के अंतर पटेल और कांग्रेस से बाला बच्चन आमने सामने थे। उस समय बाला बच्चन को कड़ी टक्कर मिली थी। मुकाबला इतना दिलचस्प रहा कि बाला बच्चन 1 हजार से भी कम वोट से अपनी जीत दर्ज करा पाए थे। 2018 के उन चुनावोंं में कांग्रेस उम्मीदवार को 85,513 वोट मिले थे, जबकि 84,581 वोट मिले थे। जबकि 2013 के चुनाव में कांग्रेस के बाला बच्चन ने बीजेपी के देवी सिंह पटेल को 11 हजार से भी ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी।
जानें कब किसकी हुई जीत
– 2018 – बाला बच्चन (कांग्रेस)
– 2013 बाला बच्चन (कांग्रेस)
– 2008 देवीसिंह पटेल (बीजेपी)
– 2003 बागेल राजेंद्र सिंह (कांग्रेस)
– 1998 ओमप्रकाश धूर्वे (बीजेपी)
– 1993 बासोरी सिंह मसराम (कांग्रेस)
– 1990 दीवान सिंह (बीजेपी)
– 1985 बारकु (कांग्रेस)
– 1980 जोधा सिंह मार्कन (कांग्रेस)
– 1977 वीरसिंह देवीसिंह (जेएनपी)
ये भी पढ़ें: MP Election 2023: जनसंघ के कब्जे वाली सेंधवा विधान सभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला