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वेबसाइट की एक लिंक से बढ़ गया हजारों में खौफ

locationबड़वानीPublished: Aug 28, 2017 11:55:00 pm

वेबसाइट की एक लिंक ने हजारों में खौफ पैदा कर दिया। लिंक नहीं खुलने से डर व असमंजस बढ़ रहा है।

atithi shikshak mp

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 सेंधवा. तकनीकी अड़चन ने जिले के अतिथि शिक्षकों में नौकरी जाने का खौफ पैदा कर दिया है। इसके चलते करीब चार हजार शिक्षक स्कूल फ्री में पढ़ाने लगे हैं। शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इस बार अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन करने की व्यवस्था की थी। इसके तहत 21 अगस्त तक इच्छुक अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना था। आवेदन के बाद 25 अगस्त से संकुल प्राचार्यों की ओर से आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया जाना था। लेकिन अबतक नहीं हुआ। ऐसे में नौकरी जाने के डर से अतिथि शिक्षक स्कूलों में फ्री में पढ़ा रहे हैं।
जैसे ही दस्तावेजों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन शुरू हुआ लिंक फेल हो गई। इससे संबंधित प्राचार्य कुछ ही दस्तावेजों का वेरिफिकेशन कर पाए। अभी तक लिंक फेल है। बीच-बीच में इक्का दुक्का दस्तावेज वेरिफाई हो पाए। विभाग की साइट पर जैसे ही क्लिक करते हैं, एक मैसेज सामने आता है कि अतिथि शिक्षक सत्यापन प्रक्रिया 28 अगस्त 17 को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। प्रक्रिया फिर से 12 बजे के बाद शुरू होगी। मैसेज 28 अगस्त की रात तक साइट पर रहा। लेकिन लिंक नहीं खुला। ऐसे में अब अतिथि शिक्षक तारीख बढऩे की उम्मीद में बैठे हैं।


इसलिए मजबूर हजारों अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रवींद्र सोनिस के मुताबिक जिले में अतिथि शिक्षकों की संख्या करीब साढ़े चार हजार तक है। इनमें से करीब 4 हजार अतिथि शिक्षक ऐसे हैं जो अभी स्कूलों में नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष नजमुद्दीन शेख ने बताया दरअसल प्रक्रिया में कई गड़बड़ी है। पहले भर्ती प्रक्रिया जुलाई में ही सीधे तौर पर हो जाती थी। पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है। लेकिन इसकी घोषणा अगस्त में की गई और इसी माह में आवेदन और वेरिफिकेशन की तारीखें दे दी गईं। नजमुद्दीन के अनुसार जो शिक्षक पिछले कई वर्षों से जिस स्कूल में पढ़ा रहे हैं। अब उन्हें भी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो गया है। क्योंकि ऑन लाइन प्रक्रिया में अबतक वेरिफिकेशन ही नहीं हो पा रहा है।
निर्देश है पढ़ा सकते हैं नि:शुल्क
इधर शिक्षा विभाग के निर्देश हैं कि जबतक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। अतिथि शिक्षक नि:शुल्क तौर पर पढ़ा सकते हैं। इसके लिए कोई राशि नहीं दी जाएगी। लेकिन किसी वजह से चयन नहीं हुआ तो भी शिक्षकों को खाली हाथ ही लौटना पड़ेगा। कई अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में देरी जानबूझ कर की जा रही है, ताकि अतिथि शिक्षकों को पैसा न देना पड़े।
शिक्षकों की कमी से जूझ रही हैं स्कूलें
स्कूलों शिक्षकों की भारी कमी हो गई है। स्कूल शुरू हुए तीन माह से ज्यादा हो गए। लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं है। प्रदेश में करीब 82 हजार शिक्षकों की कमी बताई जा रही है। इस कमी को प्रदेश के करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक पूरा कर रहे थे। शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है।

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