इसलिए मजबूर हजारों अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रवींद्र सोनिस के मुताबिक जिले में अतिथि शिक्षकों की संख्या करीब साढ़े चार हजार तक है। इनमें से करीब 4 हजार अतिथि शिक्षक ऐसे हैं जो अभी स्कूलों में नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष नजमुद्दीन शेख ने बताया दरअसल प्रक्रिया में कई गड़बड़ी है। पहले भर्ती प्रक्रिया जुलाई में ही सीधे तौर पर हो जाती थी। पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है। लेकिन इसकी घोषणा अगस्त में की गई और इसी माह में आवेदन और वेरिफिकेशन की तारीखें दे दी गईं। नजमुद्दीन के अनुसार जो शिक्षक पिछले कई वर्षों से जिस स्कूल में पढ़ा रहे हैं। अब उन्हें भी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो गया है। क्योंकि ऑन लाइन प्रक्रिया में अबतक वेरिफिकेशन ही नहीं हो पा रहा है।
अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रवींद्र सोनिस के मुताबिक जिले में अतिथि शिक्षकों की संख्या करीब साढ़े चार हजार तक है। इनमें से करीब 4 हजार अतिथि शिक्षक ऐसे हैं जो अभी स्कूलों में नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष नजमुद्दीन शेख ने बताया दरअसल प्रक्रिया में कई गड़बड़ी है। पहले भर्ती प्रक्रिया जुलाई में ही सीधे तौर पर हो जाती थी। पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है। लेकिन इसकी घोषणा अगस्त में की गई और इसी माह में आवेदन और वेरिफिकेशन की तारीखें दे दी गईं। नजमुद्दीन के अनुसार जो शिक्षक पिछले कई वर्षों से जिस स्कूल में पढ़ा रहे हैं। अब उन्हें भी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो गया है। क्योंकि ऑन लाइन प्रक्रिया में अबतक वेरिफिकेशन ही नहीं हो पा रहा है।
निर्देश है पढ़ा सकते हैं नि:शुल्क
इधर शिक्षा विभाग के निर्देश हैं कि जबतक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। अतिथि शिक्षक नि:शुल्क तौर पर पढ़ा सकते हैं। इसके लिए कोई राशि नहीं दी जाएगी। लेकिन किसी वजह से चयन नहीं हुआ तो भी शिक्षकों को खाली हाथ ही लौटना पड़ेगा। कई अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में देरी जानबूझ कर की जा रही है, ताकि अतिथि शिक्षकों को पैसा न देना पड़े।
इधर शिक्षा विभाग के निर्देश हैं कि जबतक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। अतिथि शिक्षक नि:शुल्क तौर पर पढ़ा सकते हैं। इसके लिए कोई राशि नहीं दी जाएगी। लेकिन किसी वजह से चयन नहीं हुआ तो भी शिक्षकों को खाली हाथ ही लौटना पड़ेगा। कई अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में देरी जानबूझ कर की जा रही है, ताकि अतिथि शिक्षकों को पैसा न देना पड़े।
शिक्षकों की कमी से जूझ रही हैं स्कूलें
स्कूलों शिक्षकों की भारी कमी हो गई है। स्कूल शुरू हुए तीन माह से ज्यादा हो गए। लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं है। प्रदेश में करीब 82 हजार शिक्षकों की कमी बताई जा रही है। इस कमी को प्रदेश के करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक पूरा कर रहे थे। शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है।
स्कूलों शिक्षकों की भारी कमी हो गई है। स्कूल शुरू हुए तीन माह से ज्यादा हो गए। लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं है। प्रदेश में करीब 82 हजार शिक्षकों की कमी बताई जा रही है। इस कमी को प्रदेश के करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक पूरा कर रहे थे। शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है।