सोमवार को सुबह ११ बजे से धरने पर बैठे मृतक के परिजनांे और ग्रामीणों के साथ वार्ता को लेकर सुबह फिर दौर चला। इसमें पुलिस, प्रशासन व कंपनी के अधिकारियों ने साथ लम्बी वार्ता के बाद सहमति बनी। इसमें कंपनी की ओर से मृतक के परिवार को २५ लाख का मुआवजा, मृतक की पत्नी को ५८ वर्ष उम्र तक मृतक श्रमिक की प्रतिमाह वेतन, उसके बाद ६५०० पेंशन राशि, मृतक नखताराम के पुत्र को स्थायी रोजगार देने की बात पर सहमति बनी।
यह रही कंपनी की लापरवाही? राजवेस्ट परिसर में वाहन की चपेट में आने से श्रृमिक की मौत हुई, लेकिन उसके बाद बिना पुलिस को बताए अधिकारी वाहन की चपेट में आए श्रमिक को बाड़मेर लेकर रवाना हो गए। इसकी सूचना पर मजदूरों ने प्लांट में हंगामा खड़ा कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने राजवेस्ट का अत्यानुधिक सिस्टम तोड़ कर अंदर प्रवेश किया। जहां करोड़ो का नुकसान हुआ।
मामले दर्ज जांच शुरू ग्रामीण थानाधिकारी धन्नापुरी ने मृतक के पुत्र ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि कंपनी की ओर से मेरे पिता की मौत के बाद शव व सबूत नष्ट करने का प्रयास किया। इधर कंपनी की ओर से आक्रोशित भीड़ के खिलाफ रिपोर्ट देकर करोड़ो नुकसान व जानलेवा हमला कर जान से मारने का प्रयास किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
नियमानुसार कार्रवाई होगी परिजनों व कंपनी के बीच समझौता वार्ता हुई। जिसमें परिजन मान गए। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट ली है, सीसीटीवी फुटेज देखे जाएंगे।पुलिस नियमानुसार जांच कर कार्रवाई करेगी। कंपनी की क्या गलती रही है, यह जांच का विषय है। – ओपी उज्ज्वल, पुलिस उप अधीक्षक बाड़मेर