10 फीसदी तक कमी लाई गई बाड़मेर शहर में 33 केवी के 132 सब स्टेशन हैं और इनमें से 95 फीसदी में पंखे-कूलर की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे इनके तापमान में 10 फीसदी तक कमी लाई गई है। निर्धारित से ज्यादा तापमान होने पर इन ट्रांसफार्मर ( Transformers ) के ब्लास्ट होने का खतरा रहता है। साथ ही ट्रिपिंग बढ़ जाती है। ऐसे में इस बार बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर पर कूलर-पंखे लगाए गए हैं।
अधिकतम तापमान 80 डिग्री तक निर्धारित सड़क किनारे लगे ट्रांसफार्मरों का तापमान कम करने के लिए कूलर लगाए गए हैं। इन ट्रांसफार्मरों का अधिकतम तापमान 80 डिग्री तक निर्धारित है। इनमें ऑयल व वाइंडिंग तपमान मापन के लिए मीटर लगे हुए हैं। इनमें 80 डिग्री तक तापमान रिकॉर्ड किया गया है।
पंखे स्वतः शुरू हो जाते हैं.. पंखों को ट्रांसफार्मर के साथ इनबिल्ट कर दिया गया है। जैसे ही निर्धारित से ज्यादा तापमान हो जाता है, पंखे स्वतः शुरू हो जाते हैं। एक तरफ जहां 100 केवी डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर ( Transformer ) 45 डिग्री तापमान तक बेहतर ढंग से काम करता है। उससे अधिक गर्मी और ऑयल की तपन के बाद ट्रिपिंग व फेज टूटने की शिकायतें बढ़ने लगती हैं। बिजली खपत का लोड बढ़ने के कारण ऐसे ट्रांसफार्मर से निर्धारित से ज्यादा लोड का डिस्ट्रीब्यूशन किया जा रहा है। गर्मी में इंसान और मवेशियों के हैरान कर देने वाली खबरों के बाद पश्चिमी राजस्थान में मशीनों के गर्मी की चपेट में आने से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां गर्मी तांडव कर रही है।