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फसल बुवाई हो गई, फिर भी नहीं मिल रहा किसानों को ऋण!

locationबाड़मेरPublished: Aug 19, 2019 07:43:36 pm

बाड़मेर. सरकार ने कर्ज माफी कर वाहवाही तो लूट ली, लेकिन अब किसानों को फसली ऋण देने के लिए सहकारी समितियों के पास पैसा नहीं है। सहकारी बैंकों की पूंजी पर गहरा संकट आ गया है। यहां 600 करोड़ रुपए किसानों को बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन पांच माह बीतने के बावजूद भी किसानों को फसली ऋण नहीं मिल पाया है। ऐसे में किसान मुश्किल में हैं।

The crop has been sown, yet farmers are not getting loan

The crop has been sown, yet farmers are not getting loan

फसल बुवाई हो गई, फिर भी नहीं मिल रहा किसानों को ऋण!
पांच माह बीत गए, किसानों को ऋण का अब तक इंतजार – चक्कर काट-काट परेशान हो गए धरती पुत्र
बाड़मेर. सरकार ने कर्ज माफी कर वाहवाही तो लूट ली, लेकिन अब किसानों को फसली ऋण देने के लिए सहकारी समितियों के पास पैसा नहीं है। सहकारी बैंकों की पूंजी पर गहरा संकट आ गया है। यहां 600 करोड़ रुपए किसानों को बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन पांच माह बीतने के बावजूद भी किसानों को फसली ऋण नहीं मिल पाया है। ऐसे में किसान मुश्किल में हैं।
दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधीन संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर ताले लटक रहे हैं। वहीं व्यवस्थापक विभिन्न मांगों को लेकर मुख्य कार्यालय के आगे धरना दे रहे हैं। अब किसानों को फसली ऋण नहीं मिलने पर जिला शाखा के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि बैंक अधिकारियों का दावा है कि सत्यापन के बाद खातों में फसली ऋण का पैसा ट्रांसफर हो जाएगा। जिले के कई किसानों का ऑनलाइन सत्यापन हो गया है, लेकिन बैंक के पास पैसा नहीं होने पर खातों में जमा नहीं हो पाया है। अब किसान बैंक व सहकारी समितियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए तय
पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि कर्ज माफी के बाद सहकारी बैंक के पास किसानों को ऋण देने के लिए पैसा नहीं है। ऐसी स्थिति अब 50 हजार तक ऋण वितरण की अधिकतम सीमा तय कर दी गई है। यहां जिस किसान को 80 हजार रुपए ऋण मिलता था, उसे महज 20 हजार रुपए मिलेंगे।
फैक्ट फाइल
1 लाख 92 हजार ऋणी किसान
284 ग्राम सेवा सहकारी समितियां
600 करोड़ का ऋण वितरण का लक्ष्य

175 करोड़ का ऋण बांटा
किसानों को ऋण वितरण का काम चल रहा है। ऑनलाइन आवेदन जिसने किए हंै, उनको ऋण मिल जाएगा। व्यवस्थापक हड़ताल पर हैं। – हरिराम पूनिया, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक, दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक बाड़मेर

किसान संकट में
किसानों को फसली ऋण फसल बुवाई के बाद भी नहीं मिल पाया है। यह सरकार की लापरवाही है। जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं पैसा नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों की हालात खराब हो गई है। सरकार जल्द से जल्द किसानों को राहत प्रदान करे। – देवीसिंह भाटी, अध्यक्ष, जीएसएस, हरसाणी

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