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बेची जमीन, दी किडनी,अब इलाज के नहीं पैसे

locationबाड़मेरPublished: Jan 13, 2019 10:51:08 pm

Submitted by:

Dilip dave

मेकाणियों की ढाणी के रेखाराम पुत्र खेराजराम चौधरी की करीब सवा साल पहले तबीयत खराब हो गई

बेची जमीन, दी किडनी,अब इलाज के नहीं पैसे

बेची जमीन, दी किडनी,अब इलाज के नहीं पैसे

पवन आचार्य

पाटोदी(बाड़मेर). अपने जिगर के टुकड़े की जिंदगी बचाने के लिए एक मां ने अपनी जमीन बेच दी, रुपए-पैसे खर्च किए और किडनी भी दान कर दी, लेकिन उस बेटे की बीमारी अभी भी ठीक नहीं हुई है। हर माह पन्द्रह-बीस हजार रुपए की दवाइयां लाए भी तो कैसे,क्योंकि घर का कमाऊ पूत बीमार है और जमीन बिक चुकी। उसे भरोसा है तो सिर्फ भगवान पर कि वो किसी को मदद के लिए भेजेगा या फिर सरकारी तंत्र मदद करेगा।
क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांगरा नाड़ी ग्राम पंचायत के मेकाणियों की ढाणी के रेखाराम पुत्र खेराजराम चौधरी की करीब सवा साल पहले तबीयत खराब हो गई। आसपास के अस्पतालों में दिखाने पर सुधार नहीं हुआ तो परिजन अहमदाबाद लेकर गए। जहां पता चला कि उसकी दोनों किडनी खराब हैं। बूढ़ी मां के तो पैरों तले जमीन खिसक गई। चिकित्सकों ने बताया कि करीब दस लाख रुपए खर्चा आएगा और मां को किडनी देनी पड़ेगी। इस पर उसकी मां पचपन वर्षीय धापूदेवी ने किडनी दी। इसके बाद लगा कि रेखाराम की तबीयत सुधर जाएगी, लेकिन एक साल बाद भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इस पर हर महीने पन्द्रह-बीस हजार की दवाइयां अहमदाबाद से लानी पड़ती हैं। रेखाराम के इलाज पर बारह लाख रुपए खर्च हुए, जिसके लिए मां ने 10 बीघा जमीन बेच दी। अब हर माह पन्द्रह-ब्ीस हजार का प्रबंध करना मां के लिए मुश्किल हो रहा है। रेखाराम के 2 पुत्र व एक पुत्री है।
सहायत मिली पर अपर्याप्त- रेखा राम चौधरी का कहना है कि किडनी ऑपरेशन से पहले राजस्थान सरकार ने 60 हजार व केंद्र सरकार की ओर से 1.75 लाख रुपए की सहायता दी थी, लेकिन पहले ही इलाज में ज्यादा खर्च हो गया। अब भी घर की हालत खराब है। रेखाराम का बड़ा भाई मजदूरी करके अपने घर के साथ इसके परिवार की भी सहायता कर रहा है। इस परिवार को अब भी मदद का इंतजार है।
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