बाड़मेर। शिव कस्बे में एक बालिका शनिवार को स्कूल जाने के लिए निकली और पहुंच गई बाड़मेर के चौहटन चौराहा। यहां भी वह जातरुओं के दल के साथ जसोल के लिए रवाना होने लगी। गनीमत रही कि चौराहे पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी की नजर उस पर गई और उसने पूछताछ की तो बालिका के शिव से भूलवश बाड़मेर आने की दास्तां मालूम चली। बाद में पुलिस ने उसके परिजनों को बुलाकर सुपुर्द किया।
हंसी के साथ झलक रहा था डर चौहटन चौराहे पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी ने जातरुओं के दल के पास एक नाबालिग को देखा, जो बातचीत में हंस तो रही थी, लेकिन चेहरे से डरी-सहमी सी भी लगी। पहले पुलिसकर्मी ने एक जातरू से पूछा कि कहां जा रहे और यह बालिका कौन है? जातरू ने स्वयं के जसोल जाने और बालिका के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। इससे पुलिसकर्मी का शक गहराया और बालिका को अपने पास बुलाकर पूछताछ की। उससे समझाइश कर माता-पिता के मोबाइल नम्बर लिए।
पिता ने कहा-स्कूल गई है बालिका के पिता को फोन लगाकर बालिका के बारे में पूछा तो बताया कि वह तो स्कूल गई है। इस पर पुलिसकर्मी ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। फिर कोतवाली पुलिस सर्किल पर पहुंची। पूछताछ व हिदायत के बाद उसके अभिभावकों को सुपुर्द कर दिया।
भटक गई रास्ता बालिका शिव से घूमने के लिए निकली थी। बाद में बाड़मेर में रास्ता भूल गई। यहां वह चौहटन चौराहा पहुंच गई। उसके परिजनों को बुलाकर उसे सुपुर्द किया गया।
मनीष सोनी
उप निरीक्षक, कोतवाली चौहटन चौराहे पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी ने जातरुओं के दल के पास एक नाबालिग को देखा, जो बातचीत में हंस तो रही थी, लेकिन चेहरे से डरी-सहमी सी भी लगी। पहले पुलिसकर्मी ने एक जातरू से पूछा कि कहां जा रहे और यह बालिका कौन है? जातरू ने स्वयं के जसोल जाने और बालिका के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। इससे पुलिसकर्मी का शक गहराया और बालिका को अपने पास बुलाकर पूछताछ की। उससे समझाइश कर माता-पिता के मोबाइल नम्बर लिए।
पिता ने कहा-स्कूल गई है बालिका के पिता को फोन लगाकर बालिका के बारे में पूछा तो बताया कि वह तो स्कूल गई है। इस पर पुलिसकर्मी ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। फिर कोतवाली पुलिस सर्किल पर पहुंची। पूछताछ व हिदायत के बाद उसके अभिभावकों को सुपुर्द कर दिया।