इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के साथ पूर्व विधायक जोगाराम पटेल, भाजपा जिलाधक्ष महेश चौहान के अलावा लाधुराम विश्नोई, कानसिंह कोटड़ी, अरुण चौधरी, आदूराम मेघवाल, गणपत बांठिया सहित कई नेता मौजूद रहे। गौरतलब है कि जसोल में रामकथा के दौरान आई तेज़ आंधी के चलते लोगों के ऊपर टेंट गिर गया था। इस दर्दनाक हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई थी। पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें रामकथा वाचक टेंट गिरने से पहले लोगों को वहां से बचकर भाग निकलने की आवाज़ देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार रात को जोधपुर पहुंची। यहां मंडोर कृषि मंडी के समक्ष उनका स्वागत किया गया।
रात्रि विश्राम के बाद वे बुधवार सुबह जोधपुर से जसोल-बालोतरा के लिए रवाना हो गई। यहां पीडि़त परिवारजनों से मुलाक़ात के बाद उनका वापस जोधपुर जाने का कार्यक्रम है। जोधपुर पहुँचने के दौरान राजे के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष जगतनारायण जोशी, पूर्व जिलाध्यक्ष भोपालसिंह बड़ला, पूर्व राजसिको अध्यक्ष मेघराज लोहिया, पवन आसोपा सीकर से आए। यहां स्वागत के दौरान भाजपा के सरदारपुरा परिसीमन समिति के जुगल पंवार, पहलाद बजाज, धीरज, शक्तिसिंह, रितेश बोहरा, महेन्द्र भलासरिया, गोविंद कंडारा, अर्जुन जोशी, गोपालसिंह मौजूद थे।
तो क्या करंट ने लील ली जिंदगियां……
जसोल (jasol) हादसे में शामियान अंधड़ से उड़कर तो गिरा ही लेकिन जान जाने और लोगों के जख्मी होने की असली वजह करंट रहा है जो बारिश से गीली जमीन के कारण पूरे परिसर में दौड़ रहा था। जख्मी लोगों को होश आया है तो वे इसका खुलासा कर रहे है। लोग बाहर निकल भी आते है लेकिन करंट लगता गया और वे गिरते-पड़ते गए।
जिसने भी किसी गिरे हुए को उठाने की कोशिश की वो भी चपेट में आ गया और गिर पड़ा। गनीमत रही कि एक पुलिसकर्मी (police Constable) ने हिम्मत दिखाते हुए जनरेटर के तार तोड़ दिए वरना इस शामियाने के अंदर 300 से अधिक लोगों की जान खतरे में आ चुकी थी।
अस्पताल में दाखिल नीरज और विशाल का कहना है कि वे गिरे हुए टेंट में दौड़े पर करंट ने पटक किया और फिर एंगल गिरी। मनोहरलाल कहते है उठकर के चला और आगे एक व्यक्ति गिरा था,उसको छूते ही मेरे भी करंट आया और गिर पड़ा। तीन महिलाएं जो एक दूसरे को बचाने के लिए हाथ पकड़ बैठी और करंट से गिर पड़ी। तीनों ही जख्मी हो गई। एेसा लगभग अब हर किसी की जुबान पर है कि करंट ने उनको चपेट में लिया।
पुलिसकर्मियों ने दिखाई हिम्मत- लोगों की मदद कर रहे बालोतरा चौकी के कांस्टेबल (two policeman) दौलाराम एवं गोमाराम को यह बात समझ में आ गई। वह दौड़ पड़ा और जान की परवाह किए बिना दो बड़े जनरेटर की मुख्य सप्लाई की तारों को तोड़कर फेंक दिया। इसके बाद शामियाने में करंट खत्म हुआ और लोगों को बचने का मौका मिला। राहत कार्य भी तब शुरू हो पाया।
क्यों फैला करंट शामियाना गिरने के साथ ही आंधी और बारिश आई। बारिश से जमीन गीली हो गई और तार टूटने से करंट पकड़ लिया। यह करंट लोहे के पोल से बिजली के तार लगे होने से फैल गया और फिर लोग करंट की चपेट में आते गए।
नहीं दिया था कनेक्शन- डिस्कॉम ने रामकथा के लिए विद्युत कनेक्शन जारी नहीं किया था। इसके लिए दो बड़े-बड़े जनरेटर आयोजकों ने अपने स्तर पर लगा लिए थे। इन जनरेटर के तारों से करंट प्रवाहित हो गया।