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locust Warning Organisation ) (LWO) विभाग दावा कर रहा है कि टिड्डी नियंत्रण (Locust control barmer) में है, लेकिन जब फाके पनप चुके हैं तो फिर टिड्डी पर किस तरह नियंत्रण किया गया। ग्रामीणों से जानकारी में सामने आया कि जहां पर विभाग की ओर नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है, वहीं पर फिर से टिड्डी नजर आ रही है। जबकि विभाग का दावा है कि केमिकल छिड़काव के बाद लम्बे समय तक टिड्डी वहां न तो पैदा हो सकती है और ना ही वहां तक पहुंच सकती है।
सर्वे और नियंत्रण की दोहरी जिम्मेदारी पड़ताल में ये भी सामने आया है कि विभाग सर्वे और नियंत्रण की काम एक ही टीम से करवा रहा है। ऐसे में लम्बे चौड़े क्षेत्र में पहले सर्वे करना और फिर नियंत्रण का कार्य करना टीम के बूते के बाहर है। इसलिए नियंत्रण ढंग से नहीं हो पा रहा है और टिड्डी नए क्षेत्रों में पहुंच रही है।
लाखों की संख्या में पनप चुके फाके टिड्डी नियंत्रण संगठन बार-बार दावा कर रहा है कि टिड्डी नियंत्रित है। इसलिए फाका नहीं पनप रहा है। लेकिन तामलोर में बड़ी संख्या में फाका मिलने के बाद विभाग अधिक अलर्ट हो गया है। इस संबंध में कृषि विभाग ने बताया था कि फाका पनप रहा है। लेकिन सामंजस्य के अभाव में सूचनाओं का आदान-प्रदान समय पर नहीं होने से टिड्डी नियंत्रण संगठन फाके के पनपने की सूचना से बेखबर ही रहा गया।
अब किसानों की बढ़ी चिंता टिड्डी लगातार पाक की तरह से सीमावर्ती क्षेत्र में आ रही है, इससे इनकार टिड्डी नियंत्रण विभाग के अधिकारी भी नहीं कर रहे हैं। लेकिन उनका दावा है कि टिड्डी को नष्ट किया जा रहा है। जबकि हकीकत में टिड्डी दल नए क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। जिस पर विभाग नियंत्रण कर पाने में विफल रहा है। विभाग रोजाना आंकड़े जरूर बता रहा है कि इतने हेक्टेयर में छिड़काव किया।
लेकिन सर्वे के बावजूद विभाग को सीमावर्ती क्षेत्रों में पनप चुके फाके के बारे में जानकारी समय पर नहीं मिल पाई। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि फाका बढ़ गया तो फिर फसलों के चौपट होने में देर नहीं लगेगी। लाखों-करोड़ों की संख्या में टिड्डी सीमावर्ती क्षेत्र में पनप गई तो हालात नियंत्रण के बाहर हो जाएंगे। (outbreak of desert locusts )