पत्नियों के पास आभूषण नहीं
महिलाओं का पहला शौक आभूषण माना जाता है लेकिन शपथ पत्र में दर्ज जानकारी के मुताबिक अधिकांश प्रत्याशियों की पत्नियों के पास सोना बहुत ही कम है। दस से बारह तोला सोना अधिकांश ने दिखाया है तो कोई तो पांच-सात तोला पर ही सिमट गए हैं।
महिलाओं का पहला शौक आभूषण माना जाता है लेकिन शपथ पत्र में दर्ज जानकारी के मुताबिक अधिकांश प्रत्याशियों की पत्नियों के पास सोना बहुत ही कम है। दस से बारह तोला सोना अधिकांश ने दिखाया है तो कोई तो पांच-सात तोला पर ही सिमट गए हैं।
सोने के भाव क्या हैं?
प्रत्याशियों ने आभूषण का उल्लेख तो किया है लेकिन सोने के भाव को लेकर भी इनमें असमानता है। कइयों ने 30 हजार रुपए तोला लिखा है तो कई 33 हजार रुपए प्रति तोला के हिसाब से आकलन कर रहे हैं।
प्रत्याशियों ने आभूषण का उल्लेख तो किया है लेकिन सोने के भाव को लेकर भी इनमें असमानता है। कइयों ने 30 हजार रुपए तोला लिखा है तो कई 33 हजार रुपए प्रति तोला के हिसाब से आकलन कर रहे हैं।
ये वाहन इनके नहीं जिले में लगभग सभी प्रत्याशी जो पूर्व विधायक, विधायक या फिर चर्चित रहे हैं लग्जरी वाहनों में ही सफर करते हैं। इनके वाहनों के नंबर तक लोगों को याद हैं और कइयों के तो दो-तीन वाहन देखे गए हैं लेकिन शपथ पत्र में वाहन का उल्लेख नहीं किया गया है।
हाथ में नहीं लिया हंसिया और किसान कई प्रत्याशियों को राजनीति के अलावा अन्य कोई काम करते हुए किसी ने नहीं देखा है लेकिन उन्होंने अपने पेशे के विवरण में किसान लिखा है। हालांकि वे कागजों में खेत के खातेदार जरूर हैं। खेती-किसानी करने के लिए इनके पास फुर्सत भी नहीं है।
सस्ते हो गए भूखण्ड, बंगले इतने सस्ते जिन बंगलों में ये प्रत्याशी रह रहे हैं उनके दाम सुनकर तो लोग अचरज करेंगे। करोड़ों के बंगले और कागजों में कीमत इतनी कम कि उसमें भूखण्ड मिलना भी मुश्किल हो।
घरवाली ही ज्यादा रुपयों वाली शपथ पत्रों को सही मानें तो नेताजी से ज्यादा उनकी पत्नियांे के पास चल-अचल संपत्ति है,चाहे वह साधारण गृहिणी है। उनके पास सोना, वाहन, भूखण्ड, नकद और बैंक में राशि नेताजी से चार-पांच गुणा ज्यादा ही है।