जोधपुर में सुखोई 30 की तैनातगी के बाद इनकी नियमित उड़ान के लिए जोधपुर से बाड़मेर उत्तरलाई सरहद, जोधपुर से जैसलमेर के पोकरण की सरहद और बीकानेर के लिए उड़ान तय की गई है।
बाड़मेर की ओर आने वाले विमान को करीब 2100 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार क्षमता से जोधपुर से करीब 200 किमी दूर उत्तरलाई के निकट से ही वापस घूमना होता है। यह स्थान शिवकर, कुड़ला, उत्तरलाई और बांदरा गांव है।
बुधवार को दोपहर 2.15 बजे टर्न लेने के वक्त ही यह हादसा शिवकर गांव के पास हुआ है। कुड़ला के इर्दगिर्द हुए हादसे- इससे पूर्व कुड़ला, बांदरा और शिवकर गांव के पास मिग 21 एवं 27 के हादसे भी हुए है। 12 फरवरी 2013 को अनाणियों की ढाणी कुड़ला के पास मिग क्षतिग्रस्त हुआ।
यह उत्तरलाई में लैण्ड करने वाला था। 27 जनवरी 2015 को मिग 27 बाड़मेर शहर के निकट शिवकर के पास ही क्षतिग्रस्त हुआ। 15 जुलाई 2013 को बांदरा में मिग विमान क्रेश हुआ। यह तीनों ही हादसे उत्तरलाई के इर्दगिर्द ही है।
इस बार शिवकर के पास देवाणियों की ढाणी में यह हादसा हुआ है। शहर से नहीं है दूर बाड़मेर शहर अब उत्तरलाई तक बसावट में पहुंच रहा है। शिवकर रोड पर भी आबादी क्षेत्र का विस्तार हो रहा है।
गनीमत है कि नियमित उड़ान से बाड़मेर को दूर रखा गया है लेकिन पिछले हादसों में विमान जहां भी गिरे हैं वहां ढाणियों की बसावट होने से लोग घायल होने, पशु क्षति और ढाणी को नुकसान होता रहा है।