Read more : बाड़मेर में 100 फीट गहरी खाई में गिरा भारतीय वायु सेना का ट्रक, तीन जवानो की मौत हिल टॉप पर पहुंचने के लिए बनी सड़क करीब 25 वर्ष पुरानी है। जो बारिश में भू स्खलन एवं कटान के कारण अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो गई है। यहां भारतीय वायुसेना के कार्मिकों को हिल टॉप पर पहुंचने के लिए प्रतिदिन 10 किमी के इस दुर्गम रास्ते के माध्यम से पानी,सामग्री परिवहन, चैकिंग एवं रिपोर्टिंग के लिए वाहनों से जाना पड़ता है।
साथ ही सुरम्य स्थान होने से आमजन को आना-जाना भी रहता है। ऐसे में सड़क की मरम्मत एवं किनारों पर सुरक्षा दीवार रैलिंग का निर्माण करवाया जाना अति आवश्यक है। इस संबंध में चौहटन विधायक एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की ओर से भी इस सड़क की मरम्मत एवं रैलिंग लगाने की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि गत दिनों इस मार्ग पर ट्रक के खाई में गिर जाने से तीन वायुसैनिकों की मृत्यु हो गई थी।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा हिलटॉप पहाड़ी पर आने-जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त होने व सुरक्षा को लेकर पत्रिका के 22 अगस्त के अंक में ’11 किमी पहाड़ी रास्ता, 100 से अधिक मोड़, सुरक्षा के नहीं इंतजाम’ समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें सड़क की खराब हालत और सुरक्षा को लेकर यहां पर किसी तरह के इंतजाम नहीं होने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद जिला कलक्टर ने पहल करते हुए सड़क की मरम्मत व सुरक्षा को लेकर ग्रेफ को पत्र लिखा है।