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आधे शहर में पानी पहुंचा, गांवों में अब भी त्राहि-त्राहि

locationबाड़मेरPublished: May 22, 2019 12:22:46 pm

– गांवों में जलदाय विभाग की योजनाएं फेल- बारिश के अभाव में बेरियां भी सूखी- ग्रामीणों के लिए चुनौती बनी पानी की व्यवस्था
 

Drinking water problem in Barmer

Drinking water problem in Barmer


बाड़मेर. नहरी पानी पहुंचने के बाद मंगलवार शाम तक करीब आधे शहर में ही पानी की आपूर्ति हो पाई है। ऐसे में अधिकांश मोहल्लों में पानी की किल्लत जारी है। सरदारपुरा स्थित वार्ड 38 की पार्षद सहित कई महिलाओं ने कलक्ट्रेट पहुंच पानी की आपूर्ति शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बीते एक सप्ताह से पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके लिए उन्होंने कई बार जलदाय विभाग के चक्कर लगाए, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। इस पर जिला कलक्टर ने उन्हें जल्द आपूर्ति का भरोसा दिलाया। ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में पानी आपूर्ति के अभाव में लोगों का हलक तर करना मुश्किल हो रहा है। शहर के शास्त्रीनगर, इंदिरा नगर, रीको, कृषि मंडी, गांधी चौक, महावीर नगर, तिलक नगर व दानजी की होदी सहित कई मोहल्लों में पानी नहीं पहुंच पाया। वहीं जलदाय विभाग का दावा है कि बुधवार रात तक पूरे शहर में पानी की आपूर्ति हो जाएगी।

सूख गए टांके, बेरियों का सहारा भी टूटा
चौहटन.क्षेत्र के टांकों में बारिश का पानी तो पहले ही सूख गया था। बारिश के अभाव में भूमिगत जलस्तर रीचार्ज नहीं हुआ। ऐसे में बेरियां भी जवाब दे चुकी हैं। अधिकतर गांवों का भूमिगत जल खारा होने के कारण पीने के लायक नहीं है। जलदाय विभाग की भी अधिकतर योजनाएं फेल हो चुकी हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए हलक तर करना तथा मवेशियों को जिन्दा रख पाना चुनौती बन गया है। जलदाय विभाग जीएलआर कई महिनों से सूखे हैं। कई बेआसरा पशु पानी की उम्मीद में इनके चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। इनमें से कई भूख-प्यास के मारे दम तोड़ देते हैं, वहीं अन्य भटक रहे हैं।
इन गांवों में भीषण संकट
रमजान की गफन, आरबी की गफन, तमाची की गफन, भोजारिया, राणातली, शौभाला जैतमाल, उदसियार, बीजराड़, पोशाल, खारियाडेर, सुकालिया, केलनोर, नवापुरा, कल्याणपुरा, देदूसर, बीढाणी, नवातला जेतमाल, रतासर, जैसार सहित अन्य गांवों में भीषण जलसंकट के हालात हैं। कच्छ के रण में भलगांव, चांदासनी, तारीसरा, बावरवाला, रंगवाली, हाथला, रामपुरा, एकल, मिठड़ी, बच्छवाल, छोटा हाथला, सुहागी, साता, विशिया बेरी, पण्डारवाली सहित दर्जनों गांवों में लोगों को एक घड़ा पानी के लिए बेरी पर घंटों इंतजार करना पड़ता है।
चौहटन मुख्यालय के भी बुरे हाल
उपखंड मुख्यालय चौहटन में हर बस्ती व गली-मोहल्ले में चार दिन बाद बारी आती है, लेकिन यहां 8 से 10 दिन बाद भी पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा। इसके बाद भी महज दो घंटे जलापूर्ति से पर्याप्त पानी नहीं मिलता है। इसमें भी कभी बिजली गुल हुई तो अगले चार दिन का चक्कर लग जाता है। ऐसे में रोजाना कस्बे व गांवों के दर्जनों लोग फरियाद लेकर जलदाय विभाग व प्रशासन के द्वार पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें महज आश्वासन ही मिल रहा है।
40 वर्ष पुराना सपना, अब भी अधूरा
अस्सी के दशक में इंदिरा गांधी नहर परियोजना बीकानेर होते हुए जैसलमेर पहुंचने लगी तो चौहटन व गडरारोड क्षेत्र के बाशिंदों को भी इसका सपना दिखाया गया था। लेकिन यह सपना चालीस वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। अब गुजरे 25 वर्षों से हर बार चुनावी वादे के रूप में नर्मदा के पानी की आस बंधाई जा रही है, लेकिन इसके लिए भी प्रयास कोई नहीं कर रहा है।

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