पानी खरीदने को मजबूर- लगातार पेयजल संकट के चलते ग्रामीण भलरों का बाड़ा से रुपए देकर पानी खरीदने को विवश है। यहां पर करीब तीस घरों की बस्ती है, जो पशुपालक हैं। ग्रामीण तो रुपए देकर अपने लिए पानी खरीद रहे हैं, लेकिन पशुधन बेहाल है। पानी के लिए बना जीएलआर व खेळी सूखी हुई है। इसको लेकर कई बार दानदाताओं की ओर से पशुओ के लिए खेळी में पानी डाला जा रहा है। निसं.
तीन माह से नहीं आ रहा पानी- पिछले तीन माह से पानी नहीं आ रहा है। पानी मोल खरीद रहे हैं। विभाग को बार-बार अवगत कराने पर भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है। – कमरूदीन मौलाना, स्थानीय निवासी
तीन माह से नहीं आ रहा पानी- पिछले तीन माह से पानी नहीं आ रहा है। पानी मोल खरीद रहे हैं। विभाग को बार-बार अवगत कराने पर भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है। – कमरूदीन मौलाना, स्थानीय निवासी
गर्मी में पेयजल की समस्या- भीषण गर्मी में पानी की भयंकर समस्या है। पशुधन की हालात दयनीय है। समस्या का समाधान जरूरी है। – भोपाराम, पशुपालक कास्टिक पानी का शिकार हुए गोवंश जसोल. कस्बे के लूनी नदी में रविवार दोपवहर करीब 12 बजे कास्टिक पानी का शिकार हुए गोवंश का आधा शरीर जल गया। घटना पर ग्रामीणों के सहयोग से निजी चिकित्सक को बुलाकरप्राथमिक उपचार करवाया गया।