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बाड़मेर: साल दर साल बढ़ता जा रहा आत्महत्या का ग्राफ, चिंताजनक हालात

locationबाड़मेरPublished: Jul 22, 2019 12:59:08 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

सामूहिक आत्महत्याएं के मामलों में बढ़ोतरी ( raising), एकमात्र मनोचिकित्सक के भरोसे पूरा जिला, प्रेम प्रसंग ( love affairs ), घरेलू कलह के कारण आ रहे सामने, पिछले तीन सालों ( three years) पर नजर डाले तो यह आंकड़ा ( figure )लगातार बढ़ा है, आत्महत्या ( sucide ) करने वालों में पुरुषों ( mail )की संख्या अधिक रही है।

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बाड़मेर: साल दर साल बढ़ता जा रहा आत्महत्या का ग्राफ, चिंताजनक हालात

बाड़मेर. थार में बढ़ते जा रहे आत्महत्या ( sucide ) के मामले गंभीर स्थितियां पैदा कर रहे हैं। पिछले एक महीने ( one month )में लगातार आत्महत्या और सामूहिक जान देने के मामलों ने बाड़मेर ( barmer )ही नहीं पूरे प्रदेश को झकझौर दिया है। पारिवारिक तनाव, प्रेम-प्रसंग और घरेलू कलह इसके मुख्य कारण सामने आए हैं।
पिछले तीन सालों पर नजर डाले तो यह आंकड़ा लगातार बढ़ा है। आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक रही है। वहीं बाड़मेर के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर आत्महत्या के मामले ज्यादा सामने आए हैं। इसमें सबसे प्रमुख चौहटन क्षेत्र है। इस साल देखा जाए तो सर्वाधिक सामूहिक आत्महत्या के प्रकरण चौहटन क्षेत्र में हुए हैं।
मर्ग दर्ज, जांच की इतिश्री
पुलिस ( police )आत्महत्या के मामलों में मर्ग दर्ज कर लेती है। सुसाइड नोट ( sucide note) मिलने के बावजूद कोई जांच नहीं की जाती है। इसी के कारण पिछले 7 माह में हुए सामूहिक आत्महत्या के मामलों में पुलिस एक भी प्रकरण का स्पष्ट कारण सामने नहीं ला पाई है। जबकि कई मामलों में पुलिस को सुसाइड नोट भी मिले हैं। लेकिन पुलिस ने जांच ( investigation) में कोई रूचि नहीं दिखाई। परिजन पुलिस के पास पहुंचते भी हैं। पुलिस अधिकारियों ( police officers ) का एक ही जवाब होता है, जांच चल रही है।
जिले में केवल एक मनोचिकित्सक
बाड़मेर में वर्तमान में केवल एक मनोचिकित्सक है। राजकीय अस्पताल ( govt hospital )में लगाए गए चिकित्सक को अभी दो साल पूरे हुए हैं। इससे पहले तो यहां कोई मनोचिकित्सक था ही नहीं। यहां मरीजों की केवल ओपीडी में जांच होती है। गंभीर स्थिति वालों को सीधे जोधपुर रेफर ( jodhpur refer ) कर दिया जाता है। मेडिकल कॉलेज ( medical college barmer ) शुरू होने के बाद भी बाड़मेर में मनोरोगियों के लिए कोई सुविधाएं नहीं बढ़ी है।
मनोचिकित्सक की नजर में कारण
-पुरुष तनाव के कारण आत्महत्या करते हैं। तनाव ( tension ) अवसाद ( sucide ) का रूप ले लेता है और आत्महत्या सामने आती है। इसमें पारिवारिक व आर्थिक कारण प्रमुख हैं।
-प्रेम प्रसंग में सामूहिक जान देने वालों में सबसे बड़ा कारण सामाजिक दबाव है। समाज में बदनामी के डर से आत्महत्या करते हैं।
-बच्चों के साथ आत्महत्या करने वाली महिलाओं ( female )में घरेलू कलह सबसे बड़ा कारण है। कलह ही आखिर में इस तरह की घटनाओं को जन्म देती है।
धैर्य की कमी बड़ा कारण
इंटरनेट और टीवी का असर सामाजिक परिवेश को प्रभावित कर रहा है। लोगों में धैर्य की कमी आती जा रही है। इसलिए आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक दबाव भी एक बड़ा कारण है।
डॉ. ओपी डूडी, मनोरोग विशेषज्ञ, बाड़मेर
पिछले सालों के आंकड़ों पर एक नजर
साल आत्महत्या
2016 134
2017 125
2018 147
2019 82 (22 जुलाई तक)
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बाड़मेर: 7 माह में सिलसिलेवार सामूहिक आत्महत्या की 10 घटनाएं
18 जुलाई: बायतु के भीमड़ा गांव में 18 जुलाई को दपंती ने टांके में कूदकर दी जान
09 जुलाई: बालोतरा के पास 9 जुलाई की रात एक युवक-युवती ट्रेन के आगे कूदे
28 जून: गौहड़ का तला गांव के पास प्रेमी युगल ने पेड़ से फंदा लगाया
26 जून: चौहटन के बावड़ी कला में मां ने पांच बेटियों के साथ दी जान।
22 जून: बाड़मेर शहर में मां मासूम बेटी के साथ ट्रेन से कटी।
14 जून: चौहटन के लीलसर में प्रेमी-युगल ने देसी कट्टे से फायर कर दी जान
03 अप्रेल: चौहटन के राणीसर में प्रेमी-युगल ने पेड़ से फंदा लगाया।
29 मार्च: चौहटन के आंटिया में गत नाबालिग छात्र-छात्रा टांके में कूदे।
12 जनवरी: धोरीमन्ना के राणासर में युवक ने प्रेमिका के साथ दी जान।
09 जनवरी: बालोतरा में युवक-युवती ने ट्रेन के आगे कूद की आत्महत्या।
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