लक्षण
अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और मरीज ठीक से चल नहीं पाता है और सीढ़ियां चढ़ने में भी लोगों को दिक्क्त होती है। सुबह के वक्त, ठंड में और मानसून में दर्द ज्यादा बढ़ जाता है।
अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और मरीज ठीक से चल नहीं पाता है और सीढ़ियां चढ़ने में भी लोगों को दिक्क्त होती है। सुबह के वक्त, ठंड में और मानसून में दर्द ज्यादा बढ़ जाता है।
गठिया के कारण
महिलाओं में हार्मोनल चेंज के कारण ये बीमारी 40 की उम्र के बाद ज्यादा होती है।
मादक पदार्थों के सेवन से भी हड्डिया कमजोर होती है और लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
ब्लड प्रेशर, मधुमेह और दिल की बीमारी से ग्रसित मरीजों में भी ये समस्या आती है।
जंक फ़ूड का सेवन और व्यायाम की कमी से भी लोगों में ये समस्या होती है।
उपचार
डॉक्टर प्रमेंद्र महेश्वरी ने बताया कि हमे इस बात का पहले से ही ध्यान रखना चाहिए कि हमारे घुटने खराब न हो तो हमे अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए इसके साथ ही मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। नियमित व्यायाम करें। चलने, उठने और बैठने में सही मुद्रा का पालन करें। शुरूआती लक्षण दिखाई पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
महिलाओं में हार्मोनल चेंज के कारण ये बीमारी 40 की उम्र के बाद ज्यादा होती है।
मादक पदार्थों के सेवन से भी हड्डिया कमजोर होती है और लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
ब्लड प्रेशर, मधुमेह और दिल की बीमारी से ग्रसित मरीजों में भी ये समस्या आती है।
जंक फ़ूड का सेवन और व्यायाम की कमी से भी लोगों में ये समस्या होती है।
उपचार
डॉक्टर प्रमेंद्र महेश्वरी ने बताया कि हमे इस बात का पहले से ही ध्यान रखना चाहिए कि हमारे घुटने खराब न हो तो हमे अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए इसके साथ ही मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। नियमित व्यायाम करें। चलने, उठने और बैठने में सही मुद्रा का पालन करें। शुरूआती लक्षण दिखाई पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
इनका हुआ इलाज
फरीदपुर की रहने वाली बुजुर्ग महिला कुसुम भी इस रोग से ग्रसित थी और वो ठीक से चल फिर भी नहीं पाती थी। कुसुम बताती हैं कि उनके जोड़ों में इतना तेज दर्द रहता था कि वो बिस्तर से उठ भी नहीं पाती थी। जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर की सलाह ली और घुटना ट्रांसप्लांट कराया जिसके बाद अब उन्हें काफी आराम है और अब वो सभी घरेलू कार्य आसानी से कर लेती हैं।
फरीदपुर की रहने वाली बुजुर्ग महिला कुसुम भी इस रोग से ग्रसित थी और वो ठीक से चल फिर भी नहीं पाती थी। कुसुम बताती हैं कि उनके जोड़ों में इतना तेज दर्द रहता था कि वो बिस्तर से उठ भी नहीं पाती थी। जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर की सलाह ली और घुटना ट्रांसप्लांट कराया जिसके बाद अब उन्हें काफी आराम है और अब वो सभी घरेलू कार्य आसानी से कर लेती हैं।