2014 का आंकड़ा 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर बरेली सीट पर भी देखने को मिला था और भाजपा प्रत्याशी संतोष गंगवार ने यहां पर बड़ी जीत दर्ज की थी। संतोष गंगवार ने 50.90 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इस चुनाव में भाजपा को सपा, बसपा और कांग्रेस के कुल वोटों से भी ज्यादा वोट हासिल हुए थे। संतोष गंगवार ने सपा की आयशा इस्लाम को हरा कर एक बार फिर इस सीट पर अपना कब्जा जमाया था।
सबसे ज्यादा बार जीते संतोष बरेली लोकसभा सीट से इस समय केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार सांसद है और वो इस सीट को सात बार जीत चुके है। संतोष गंगवार ने 1989 में पहली बार जीत दर्ज की थी जिसके बाद लगातार छह बार बरेली की जनता ने उन्हें अपना सांसद चुना। संतोष गंगवार को 2009 के चुनाव में कांग्रेस के प्रवीण सिंह एरन ने हराया था जिसके बाद 2014 में एक बार फिर बरेली सीट पर संतोष गंगवार ने जीत दर्ज की।
एक नजर में बरेली लोकसभा आजादी के बाद हुए लोकसभा चुनावों में बरेली लोकसभा सीट का आकार बदलता रहा है।शुरुआती तीन चुनाव तक पूरा जिला एक लोकसभा सीट था।वर्ष 1967 में आंवला एक अलग लोकसभा क्षेत्र बना और जिले की तीन विधानसभा बरेली से हटा कर आंवला में जोड़ दी गई। बरेली के हिस्से में शहर, कैंट, कांवर(अब मीरगंज), नवाबगंज और भोजीपुरा क्षेत्र शामिल हुए।जिले का बहेड़ी लोकसभा क्षेत्र नैनीताल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बन गया। राज्य का विभाजन हुआ तो बहेड़ी को फिर से बरेली लोकसभा में शामिल कर लिया गया। परिसीमन के बाद बहेड़ी विधानसभा पीलीभीत लोकसभा में शामिल हो गया।
जातिगत आंकड़े बरेली लोकसभा अगर बात करें बरेली लोकसभा की तो इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 16 लाख है जिसमे मुस्लिम मतदाताओं की संख्या साढ़े चार लाख से भी ज्यादा है जबकि इस सीट पर 1.75 लाख दलित मतदाता भी है। यहां पर कुर्मी मतदाता भी साढ़े तीन लाख है जोकि संतोष गंगवार की असली ताकत है।
क्षत्रीय — 70 हजार ब्राह्मण – एक लाख मौर्य – 1.50 लाख दलित – 1. 75 लाख वैश्य – 1.25 लाख मुस्लिम – 4.50 लाख कश्यप – एक लाख
कुर्मी – 3.50 लाख लोध – एक लाख कायस्थ – एक लाख यादव – 70 हजार