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Ganesh Chaturthi 2018 : आ रहें हैं गणपति बप्पा, इन बातों का रखें ध्यान तो खुल जाएगी किस्मत

locationबरेलीPublished: Sep 11, 2018 03:13:22 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

Ganesh Chaturthi 2018 Sthapana : इस दिन शुक्र भी स्वयं अपनी तुला राशि में विद्यमान रहकर राजयोग का निर्माण भी कर रहा है। अतः इस दिन पूजा पाठ का विशेष फल गणेश जी की पूज और स्थापना में भक्तों को प्राप्त होगा।

बरेली। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) महोत्सव 13 से 23 सितम्बर तक आयोजित होगा। 13 सितम्बर को भगवान गणपति की स्थापना की जाएगी। बाला जी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पण्डित राजीव शर्मा के अनुसार इस दिन की विशेष बात स्वाति नक्षत्र के साथ ही चन्द्रमा का तुला राशि में गुरुदेव बृहस्पति के साथ होना प्रबल गजकेशरी योग का निर्माण होना घटित हो रहा है। वही शुक्र एवं चन्द्रमा का योग भी कला निधि नामक योग का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही एन्द्र योग, विषकुम्भकरण सम्पूर्ण दिन रात पर्यन्त रहेगा। इस दिन शुक्र भी स्वयं अपनी तुला राशि में विद्यमान रहकर राजयोग का निर्माण भी कर रहा है। अतः इस दिन पूजा पाठ का विशेष फल गणेश जी की पूज और स्थापना में भक्तों को प्राप्त होगा।
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Ganesh Chaturthi 2018
पूजन सामग्री

कुमकुम, केसर, अबीर, गुलाल, सिन्दूर, पुष्प, चावल, चैसरे, ग्याराह सुपारियां, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, बिल्व पत्र, धूप बत्ती, दीप, नैवेद्य लड्डू पांच गुड़ प्रसाद, लौंग, इलायची, नारियल, कलश, लाल कपड़ा एक हाथ, सफेद कपड़ा एक हाथ, बरक, इत्र, पुष्पहार, डंठल सहित पान, सरसो, जनेऊ, मिश्री, बताशा और आंवला।
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Ganesh Chaturthi 2018
पूजन विधि

एक चौकी पर लाल रेशमी वस्त्र बिछा कर उसमें मिट्टी, धातु, सोने अथवा चांदी की मूर्ति, ध्यान आवाहन के बाद रखनी चाहिए। ”ऊं गं गणपतये नमः“ कहते हुये उपरोक्त पूजन सामग्री गणेशजी पर चढ़ायें। एक पान के पत्ते पर सिन्दूर में हल्का सा घी मिलाकर स्वास्तिक चिन्ह बनायें, उसके मध्य में कलावा से पूरी तरह लिपटी हुई सुपारी रख दें। इन्हीं को गणपति मानकर एवं मिट्टी की प्रतिमा भी साथ में रखकर पूजन करें, गणेश जी के लिए मोतीचूर का लड्डू (5 अथवा 21) अवश्य चढ़ायें। लड्डू के साथ गेहूं का परवल अवश्य चढ़ायें, धान का लावा, सत्तू, गन्ने के टुकड़े, नारियल, तिल एवं पके हुये केले का भी भोग लगायें। अन्त में देशी घी में मिलाकर हवन सामग्री के साथ हवन करें एवं अन्त में गणेशजी की प्रतिमा के विसर्जन का विधान करना उत्तम माना गया है।
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Ganesh Chaturthi 2018
विशेष

1. गणेशजी की पूजा सायंकाल की जानी चाहिए। पूजा के बाद नीची नज़र से चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
2. घर में तीन गणेशजी की पूजा नहीं करनी चाहिए।

3. यदि चन्द्र दर्शन हो जायें तो मुक्ति के लिए ”हरिवंश भागवतोक्त स्यमन्तक मणि के आख्यान” का पाठ भी करना चाहिए।

गणपति स्थापना मुहूर्त
प्रातः 10:42 से अपराहन 01:46 तक (चर, लाभ के चौघड़िया में)

सायं काल मुहूर्त- 04:49 से सायं 7:49 (शुभ एवं अमृत के चौघड़िया में)

वृश्चिक लग्न-पूर्वान्ह 11:02 से अपरान्ह 01:20

राहुकाल-अपरान्ह 01:50 से 03:23 तक
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त – अपरान्ह 12:14 बजे से 01:20 बजे तक

(वृश्चिक लग्न, अभिजित मुहूर्त एवं लाभ के चौघड़िया)

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