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ताजिये को लेकर दो समुदायों के बीच हुए विवाद में पुलिस ने किया लाठीचार्ज, विधायक ने दी आत्महत्या की धमकी, जानिए क्या है मामला क्या था मामला शुक्रवार को खजुरिया ब्राहमनान में ताजियों का जुलूस रोकने के लिए रास्ते में ट्रालियां खड़ी कर दी गईं। यह भनक लगते ही एडीजी प्रेम प्रकाश और एसएसपी मुनिराज ने भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए थे। जेसीबी से रास्ते में खड़ी ट्रालियों को खेतों में पलटवाकर रास्ता साफ करवाया गया। गांव वालों के विरोध पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया। मौके पर बिथरी विधायक पप्पू भरतौल भी पहुंच गए थे। जहाँ पर उनकी एसपी सिटी से नोक झोक हुई थी और विधायक ने कैरोसीन डालकर आत्मदाह करने की धमकी तक दे डाली थी। यहाँ से निकलने के बाद विधायक को सूचना मिली कि उनके कार्यालय के सामने से ताजिया निकल रहा है तो मौके पर जाकर विधायक ने ताजिए को रुकवा दिया और अपने कार्यालय के सामने से नहीं निकलने दिया।
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VIDEO- कक्षा 9 के छात्र ने इस तरह किया चोरी की घटना का खुलासा चार मुकदमे हुए दर्ज मोहर्रम पर हुए विवाद के बाद कैंट और बिथरी चैनपुर थाने में चार मुकदमे दर्ज किए गए है। जिसमे विधायक और उनके समर्थकों पर दो मुकदमे दर्ज किए गए है। विधायक के खिलाफ एक मुकदमा ताजिए का विरोध करने का जबकि दूसरा मुकदमा भड़काऊ भाषण देने का दर्ज किया गया है। दोनों ही मुकदमों में गंभीर धाराएं लगाई गई है। आईजी डीके ठाकुर ने बताया कि मोहर्रम सकुशल सम्पन्न हुआ है और जहाँ पर भी विवाद हुआ है वहां मुकदमा दर्ज किया गया है। विधायक के खिलाफ भी दो थानों में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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मोहर्रम- शिया समुदाय ने किया मातम और सुन्नी ने निकाले तख्त-छड़े- देखें वीडियो पहले किए गए थे नजरबंद विधायक पप्पू भरतौल और एसएसपी में सावन के महीने से ही ठनी हुई है। सावन में खजुरिया गाँव के लोगों को उमरिया गाँव वालों ने कांवड़ नहीं निकालने दी थी। कांवड़ यात्रा का समर्थन कर रहें विधायक को पुलिस ने उनके कार्यालय में ही नजरबंद कर दिया था। जिसके बाद से ही खजुरिया गाँव के लोग कलारी से निकलने वालों ताजिए को अपने गाँव से गुजरने के लिए रास्ता देने के लिए तैयार नहीं थे।
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लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के सामने आयी ये मुश्किल क्या बोले विधायक मुकदमा दर्ज होने के बाद विधायक पुलिस पर भड़क गए और उन्होंने कहा कि उमरिया में तमंचे लहराए गए और हाइवे जाम हुआ लेकिन पुलिस ने लाठी चार्ज नहीं किया। एसएसपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उस रास्ते से एडीजी निकल गए लेकिन कुछ नहीं हुआ एसएसपी के आने के बाद ही लाठीचार्ज हुआ। पुलिस ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले की शिकायत की जाएगी और जरूरत पड़ी तो गाँव के लोगों को मुख्यमंत्री के पास ले जाएंगे। जिस प्रकार से पुलिस ने काम किया है ऐसा काम तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया।