नगर निगम ने पिछले दिनों आवारा पशुओं को पकड़ कर कान्हा पशु आश्रय स्थल भेजा था। पकड़ी गयी गायों को छुड़ाने जब पशुपालक आए तो अफसरों ने पकड़ी गई गायों पर तीन से पांच हजार तक का जुर्माना लगाया। जुर्माने की रकम को कम कराने के लिए पशु पालक मेयर से मिले जिस पर मेयर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान को पत्र लिख कर जुर्माने की रकम कम कर गायों को छोड़ने की बात कही। आरोप है कि अफसरों ने मेयर के पत्र पर ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद मेयर नगर आयुक्त के कार्यालय में घुस गए और वहां मौजूद नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जमकर खरी खोटी सुनाई मेयर ने नगर आयुक्त से भी कहा कि इन्हे भ्र्ष्टाचार का रास्ता मत दिखाओ, बहुत हो गया है। जिसके बाद BJP Mayor Umesh Gautam और नगर स्वास्थ्य अधिकारी में खींचतान भी हुई। इसके बाद मेयर वहां से चले गए। बाद में नगर आयुक्त ने मामले को देखते हुए पुलिस बुला ली।
इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान ने मेयर समेत पार्षदों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ने जबरदस्ती कागजों पर साइन करा कर अभद्र व्यवहार किया। जिसके बाद भाजपा मेयर उमेश गौतम समेत 25 पार्षदों पर बलवा, सरकारी कार्य में बाधा डालना, लोक रक्षक से अभद्रता के आरोप में कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।