आरोप है कि इस बात पर इंस्पेक्टर ने तानाशाही भरे लहजे में उनसे बात की। कहा कि स्कूल के ताले तोड़कर फोर्स ठहराई जाएगी और इसकी मान्यता भी प्रत्याहरण कर ली जाएगी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इस मामले में उन्होंने मीरगंज विधायक और भाजपा प्रत्याशी से अनुरोध किया कि इंस्पेक्टर से बात कर लें तो इनमें से किसी ने इंस्पेक्टर से बात तक नहीं की। उन्होंने कहा कि वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। इसीलिए भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मामले में इंस्पेक्टर ने अभद्रता के आरोप को गलत बताया। वहीं, एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा का कहना है कि जिला प्रशासन ने ही सभी संबंधित कॉलेज अधिग्रहित किए हैं, उन्हीं के निर्देशों के आधार पर फोर्स रोका जा रहा है। अगर किसी स्तर पर कोई समस्या है तो उसका हल निकाला जाएगा।