स्कूलों में चारा, कार्यालय में पशु
बारांPublished: Nov 17, 2018 08:31:55 pm
कई गांवों कस्बों में राज्य सरकार द्वारा लाखों-करोड़ों रूपए खर्च कर बनवाए गए सरकारी विद्यालय सहित अनेक विभागों के भवन व इमारतों पर ग्रामीणों ने कब्जा जमा लिया है।
सरकारी इमारतोंं पर दबंगों का कब्जा
गऊघाट. क्षेत्र के गऊघाट समेत आसपास के कई गांवों कस्बों में राज्य सरकार द्वारा लाखों-करोड़ों रूपए खर्च कर बनवाए गए सरकारी विद्यालय सहित अनेक विभागों के भवन व इमारतों पर ग्रामीणों ने कब्जा जमा लिया है। इनको निजी उपयोग में लिया जा रहा है। इसकी ओर प्रशासन का कोई ध्यान नहींं है। क्षेत्र के देवली रावान व सुभाषपुरा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन पर करीब एक साल से गांव के कुछ लोगों ने कब्जा कर इन्हें जानवरों का चारा व कृषि यन्त्र रखने में उपयोग किया जा रहा है। इसी तरह कटावर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित गांव के कु छ दंबगों ने जानवर बांधे रखे हैं। छत पर कण्डे थैपे जा रहे हैं। इनके खिलाफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
इन इमारतों पर कब्जा
क्षेत्र के कटावर में पटवार घर,जल संसाधन भवन, सिचाई कॉलोनी, गऊघाट में कृषि उपज मण्डी भवन, सुभाषपुरा में पुराने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन, जलदाय भवन, देवली रावान में राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन पर अवैध कब्जा कर किसानों ने कृषि उपकरण रख रहे हैं।
& जिन भवन व इमारतों पर ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर रखा है उनके सम्बधित विभागों को लिख खाली करवाया जाएगा।
जब्बर सिंह, एसडीएम अटरू
सड़कों के किनारे खड़े हैं
लावारिस पड़े कृषि यंत्र बने दुर्घटना का सबब
मऊ. क्षेत्र के अधिकांश गांवों में आम एवं राष्ट्रीय राजमार्गो पर सड़कों के किनारे जगह-जगह लावारिस रूप से पड़े खेती के कृषि यंत्र वाहन चालकों के लिए दुर्घटना के सबब बने हुए हैं। वाहन चालकों के लिए घातक बने हुए इन कृषि यंत्रो को हटाने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे में हमेशां दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। जानकारी के अनुसार मांगरोल क्षेत्र की मांगरोल से ईटावा-खातोली, मांगरोल से बंमोरीकलां, मांगरोल से सीसवाली, मांगरोल से रामगढ़, मांगरोल से बारां, मऊ से बालापुरा, चौकी से भटवाड़ा, ईष्वरपुरा,मांगरोल से महुआ, आदि ऐसे मार्ग हैं। इन सड़कों के किनारों पर बसे हुए गांवो मेंं जगह-जगह लावारिस लोहे से निर्मित बख्खर, थ्रेसर, कल्टी, मोरपलाऊ, रिफि ल, ट्रोली,आदि सडकों के किनारों पर दोनों ओर पड़े हुए हैं। जब वाहन चालक इन गांवों के बीच से होकर गुजरते हैं तो जरा चूकते ही इन कृषि यंत्रो से टकरा कर चोटिल हो जाते हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। परन्तु प्रशासन द्वारा इन लावारिस पड़े उपकरणों को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
———————–