महंगाई में युक्ति लगाई और सस्ती बाइक बनाई
बारांPublished: Feb 17, 2019 06:49:19 pm
बारां कहते हैं जहां चाह वहां राह और प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। बारां शहर के दो युवाओं के साथ यहीं सब कुछ हुआ।
महंगाई में युक्ति लगाई और सस्ती बाइक बनाई
बारां कहते हैं जहां चाह वहां राह और प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। बारां शहर के दो युवाओं के साथ यहीं सब कुछ हुआ। बारां शहर के निवासी गौरव पंचौली व राजेश पंचौली कहने को तो व्यापार और शिक्षा जगत से जुड़े हैं लेकिन दोनों ने मिलकर एक ऐसा कारनामा कर दिया जिसे बड़े-बड़े इंजीनियर नहीं कर सकते। दरअसल मोटरसाइकिलों की कीमतों में पांच साल का बीमा अनिवार्य होने और इनके निर्माण में सब्सिड़ी खत्म होने के बाद से मोटरसाइकिलों की कीमत में काफी उछाल आया है। इसके साथ पेट्रोल की दरों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में दोनों दोस्तों के मन में सस्ती और पॉल्यूशन फ्री इको प्रेंडली मोटरसाइकिल बनाने का विचार उपजा। बस फिर क्या था दोनों दोस्त लग गए जुगाड़ में। दोनों ने मिलकर अपने घर के कबाड़ में खड़ी एक पुरानी मोटरसाइकिल को निकाला और उसका इंजन, साइलेंसर, पेट्रोल आदि खोल दिए। इसके बाद इन्होंने इसे मोडिफाइड कर बैटरियों से चलने लायक बना दिया।
दो लोग की सवारी, नहीं फैलेगा प्रदूषण
बाजार में हालांकि कुछ कंपनियों के स्कूटर चल रहे हैं जो बैटरियों से चलते हैं, लेकिन इन्होंने पहली बार एक मोटरसाइकिल तैयार की है। देश में कुछ अन्य लोगों ने भी ऐसा प्रयास किया है लेकिन बारां शहर में पहली बार इन लोगों ने यह इको फ्रेंडली पॉल्यूशन फ्री मोटर साइकिल तैयार की है। मोटरसाइकिल वजनी होने के साथ इसके पहिए भी बड़े होते हैं। इस मोटर साइकिल की खासियत यह है कि इसमें दो लोग आसानी से सवारी कर सकते हैं। इसके लिए लाइसेंस बनाने की भी जरूरत नहीं है। यह एक बार बैटरियां चार्ज होने पर ४५ से ५० किलोमीटर तक चल सकती है। इसकी स्पीड भी नियंत्रण में रहती है।
२५ हजार रुपए आई लागत
शहर में २५ से ३० की स्पीड में यह मोटर साइकिल बिना आवाज के चलती है जिससे ध्वनि प्रदूषण नहीं होता। मोटर साइकिल को अभी और डिजाइन किया जाना है। इसमें पेट्रोल टैंक के साथ डिक्की जोडने की प्रक्रिया चल रही है जिससे आसानी से बाजार से लाया सामान रखा जा सके। इसके निर्माण की कीमत मात्र २५ हजार आई है जब कि अन्य मोटरसाइकिलें ४५ हजार से अधिक की ही हैं।
चाचा का मिला साथ
गौरव पंचौली व राजेश पंचौली दोनों कलपुर्जों व मोटरसाइकिल निर्माण जैसे काम से कोसों दूर थे। गौरव जहां बिजनस से जुड़े हैं वहीं राजेश शिक्षा क्षेत्र से हैं। दोनों तेल फैक्ट्री गाडिया कालोनी में रहते हैं। इस स्थिति में इनके चाचा अखिल कुमार पंचौली जो खुद भी पैशे से अध्यापक हैं इनकी मदद को आगे आए और उन्होंने इन्हें डिजाइन और अन्य मुद्दों पर मदद करना शुरू किया। उन्ही की सलाह और मशविरे को आधार मानकर दोनों आगे बढ़े।