चांद और पिया दोनों को देखा एक साथ, मांगी सुहाग की दीर्घायु
बारांPublished: Oct 18, 2019 03:57:07 pm
बारां. शहर समेत जिले में गुरुवार को करवाचौथ पर्व श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने सूर्याेदय के बाद से चंद्रोदय के दौरान करीब १४ घंटे से बिना जल व अन्न ग्रहण किए सुहाग की दीर्घायु की कामना की। कई युवतियों ने भी यह खास व्रत किया। रात को चांद की पूजा व दीदार के लिए महिलाओं के समूह घर की छतों पर डटी रहीं, उन्होंने चांद को अघ्र्य देने के बाद पति के हाथों से जल का सेवन कर व्रतोपवास खोले। इससे पूर्व महिलाओं ने करवाचौथ की कथा का श्रवण भी किया। बाद में अग्रज महिलाओं का पग पूजन कर आशीर्वा
चांद और पिया दोनों को देखा एक साथ, मांगी सुहाग की दीर्घायु बारां. शहर समेत जिले में गुरुवार को करवाचौथ पर्व श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने सूर्याेदय के बाद से चंद्रोदय के दौरान करीब १४ घंटे से बिना जल व अन्न ग्रहण किए सुहाग की दीर्घायु की कामना की। कई युवतियों ने भी यह खास व्रत किया। रात को चांद की पूजा व दीदार के लिए महिलाओं के समूह घर की छतों पर डटी रहीं, उन्होंने चांद को अघ्र्य देने के बाद पति के हाथों से जल का सेवन कर व्रतोपवास खोले। इससे पूर्व महिलाओं ने करवाचौथ की कथा का श्रवण भी किया। बाद में अग्रज महिलाओं का पग पूजन कर आशीर्वाद लिया।
सुहागिन महिलाओं में सुबह से ही इस व्रत को लेकर खासा उत्साह रहा। वे सुबह जल्दी उठकर काम में जुट गई। सूर्योदय से पूर्व चाय, पानी ग्रहण किए, इसके बाद वे दिनभर निर्जल व निराहार रहीं। इस दौरान वे घर के अन्य कार्यों में व्यस्त रहने के साथ परिवार के सदस्यों को संभालती रहीं। व्रत के महत्व से मानो उनकी थकान,, भूख व प्यास कोसों दूर रहे। शाम को उन्होंने सजना, संवरना शुरू किया। रात करीब आठ बजे पूजा-अर्चना का दौर शुरू हुआ, इस दौरान महिलाओं ने समूह के रूप में व्रत को लेकर प्राचीनकाल से चली आ रही कहानी सुनी। बाद में करीब नौ बजे चांद के दीदार होने पर उनके चेहरों पर चमक आ गई। अधिकांश महिलाओं ने चलनी से चांद देखा। कई ने चांद को अघ्र्य देने के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर सेवन किया तो उन सुहागिनों ने जिनके पति किन्हीं कारणों से घर के बाहर थे, उनकी फोटो देखकर जल व अन्न ग्रहण किया।
मांगी दीर्घायु, लिया आशीर्वाद
सुहागिन महिलाओं ने चांद का दीदार करने के बाद सबसे पहले पति की दीर्घायु की कामना की। बाद में परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को धोक लगा आशाीर्वाद लिया। कई महिलाओं के समूह पूजा के बाद सेल्फी लेने का मोह नहीं छोड़ सकी।
सुन्दर उपहार देख हुई खुश
कई लोगों ने अपनी पत्नियों को इस खास मौके पर खास उपहार दिए। जिन विवाहिताओं ने शादी के बाद करवा चौथ का पहला व्रत रखा था, उनमें संस्कृति के इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह रहा।