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ठाकुर जी को जल विहार कराने उमड़ पड़ा श्रद्धा का सैलाब ,भक्ति व शक्ति के संगम के साथ संयम की यात्रा

locationबारांPublished: Sep 21, 2018 03:31:15 pm

शोभायात्रा ने हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा, उल्लास व धार्मिक आस्था को परवान चढ़ाया।

ठाकुर जी को जल विहार कराने उमड़ पड़ा श्रद्धा का सैलाब ,भक्ति व शक्ति के संगम के साथ संयम की यात्रा

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जलझूलनी एकादशी पर गुरुवार को शहर में निकली छह दर्जन देव विमानों की शोभायात्रा ने हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा, उल्लास व धार्मिक आस्था को परवान चढ़ाया। भक्ति के ऐसा ज्वार उमड़ा कि लोग दोपहर से रात तक शोभायात्रा मार्ग में जहां जगह मिली डटे रहे। रात साढ़े आठ बजे डोल मेला तालाब पर जलवा पूजन की रस्म के दौरान भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण की आराधना शंख ध्वनि के साथ की गई । सामूहिक आरती के दृश्य को श्रद्धालुओं ने अपलक निहारा। शहर के आराध्य भगवान श्री कल्याणराय जी (श्रीजी) की आरती देखने की आतुरता लोगों में साफ दिखी। इस वर्ष जिला प्रशासन ने शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक कर जलवा पूजन की रस्म शाम को किए जाने पर सहमति बनाई थी, लेकिन शाम तक देव विमान डोल तालाब तक नहीं पहुंच सके थे। ऐसे में जलवा पूजन की रस्म रात ८.४० बजे शुरू हो सकी। इस दौरान आधे से अधिक शहर की विद्युत आपूर्ति दोपहर दो बजे बंद कर दी गई थी, जिसे रात ८.३२ बजे बहाल किया गया। ऐसे में देव विमानों के दर्शन के लिए पहुंचे लोगों को मोबाइल फोनों की टार्च जला समूहों के रूप में घर पहुंचना पड़ा। डोल तालाब के पाळ मार्ग पर पुलिस की राठौड़ी पर लोगों ने खासा रोष जताया।
श्रद्धा के सैलाब के सामने फैल हो गई तय व्यवस्था
पत्रिका न्यू•ा नेटवर्क
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बारां. एक के बाद एक गुजरते देव विमान, अपार जनसमूह, भगवान के जयकारों की गूंज, माहौल में समां बांधती भजनों की स्वर लहरियां और देव दर्शन का इंतजार, अखाड़ों में करतब दिखाते युवा पहलवान व दुर्गा वाहिनी की किशोरियां। घुड़ व ऊंट सवारों के साथ आकर्षक रूप से सजी झांकियां। भगवान की पूजा करने की होड़, देव विमानों के नीचे से निकलने की परम्परा, यह अद्भुत नजारे रियासत काल से चली आ रही डोल यात्रा की महत्ता को जीवंत कर गए। शोभायात्रा में शामिल देव विमानों पर श्रद्धालु पुष्पवर्षा करते रहे तो कई स्थानों पर सामाजिक संगठनों के अलावा लोगों ने अपने स्तर पर प्याऊ लगा जल उपलब्ध कराया।
चौमुखा बाजार में अद्भुत रहा मिलन
शाम को भगवान कल्याणरायजी (श्रीजी ) महाराज का विमान रवाना हुआ। इसके चौमुखा चौक में गणेशजी के मंदिर के पास पहुंचने पर वहां पहले से तैयार भगवान रघुनाथजी के विमान से मिलन व नमन की रस्म हुई। इसे देखने के लिए श्रद्धालुओं का निगाहें जमी रही। रात को तालाब के तट पर जलवा पूजन व महाआरती के समय भी यही स्थिति रही।
पुलिस पर लाठियां भांजने का आरोप
रात को जब भगवान रघुनाथजी व नामदेव समाज के देव विमानों को परम्परा अनुसार डोल तालाब की पाळ पर ले जाया जा रहा था, तब कुछ पुलिस जवानों ने विमान के साथ चले रहे श्रद्धालुओं को रोक लिया। इस बात को लेकर वहां जद्दोजहद हुई, इससे कुछ देर के लिए अप्रिय स्थिति बनी। कई श्रद्धालुओं का कहना था कि पुलिस जवानों ने लाठियां भांजी, हालांकि जिला कलक्टर डॉ. एसपी सिंह समेत पुलिस अधिकारियों ने इससे इनकार किया है।
उड़े आग के गोले, माृतशक्ति की धाक
शोभायात्रा में एक दर्जन व्यायामशालाओं व संगठनों के अखाड़ों में शामिल युवाओं ने ऐसे रोमांचक करतब दिखाए कि लोग हैरत में पड़ गए। लोगों के जयकारे लगाने से अखाड़ों के युवाओं का जोश परवान चढ़ा। सीने पर पट्टी रखकर ऊपर से मोटरसाइकिल निकालने, पिरामिड बनाने, मुंह से आग के गोले निकालने, आग के गोले के बीच से निकलने के अलावा दुर्गावाहिनी की सदस्याओं की तलवारबाजी ने लोगों को अचम्भे मेंं डाला। कई संगठनों की ओर से अखाड़ों के उस्तादों का सम्मान किया गया।
बदल दी परम्परा
जलवा पूजन में देरी होने की आशंका के चलते आदि गौड़ ब्राह्मण समाज ने सैकड़ों वर्षों पुरानी परम्परा को तोड़ते हुए डोल तलाब के तट पर जलवा पूजन नहीं किया। समाज के लोग दोनों देव विमानों को इन्दिरा मार्केट स्थित नृसिंह भगवान मंदिर से ही प्रताप चौक, चारमूर्ति होते हुए मनिहारा तालाब पर ले गए तथा वहां ही जलवा पूजन की रस्म पूरी की। आदिगौड़ समाज अध्यक्ष अदित्य भारद्वाज ने कहा कि डोल तालाब पर जलवा पूजन की रस्म रात में होने से ही यह निर्णय किया । दूसरी ओर शहर के लोगों में इस नई परम्परा को लेकर आक्रोश भी रहा। आदिगौड़ समाज के ही कई युवाओं ने रियासतकालीन परम्परा का हवाला देकर सोशल मीडिया पर अपने समाज के कर्ताधर्ताओं को कोसा।
ऐसे फैल हो गई विद्युत व्यवस्था
शहर में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर विद्युत वितरण निगम की व्यवस्था फैल रही। आए दिन डोल मेला व शोभायात्रा मार्ग की विद्युत वितरण व्यवस्था दुरूस्त करने के नाम पर कटौती करने के बावजूद दोपहर दो बजे से रात साढ़े आठ बजे तक विभिन्न इलाकों की बिजली बंद रखनी पड़ी। बार-बार जानकारी देने के बाद भी निगम के एसई पुरानी परम्परा के तहत प्रशासन के आदेश से बिजली बंद कराने का हवाला देते रहे।
इन क्षेत्रों के लोग रहे बेहाल
क्षेत्र की पूर्व तैयारी नहीं होने के कारण अस्पताल रोड, पुरानी सिविल लाइन, जनता सिनेमा कॉलोनी, खाती कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी, ईदगाह कॉलोनी, शिव कॉलोनी आदि क्षेत्र में शोभायात्रा व अखाड़ों की आवाजाही नहीं रहने के बाद भी इन इलाकों के हजारों घरों की बिजली बंद रखी गई। करीब साढ़े छह घंटे तक बिजली बंद रहने से उपभोक्ताओं को खासी असुविधा का सामना करना पड़ा। लोग निगम व जिला प्रशासन को कोसते रहे। निगम अधिकारियों के फोन बंद रहे।
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