script

इंद्र की बेरुखी तो धरतीपुत्र पहुंचे देवताओं की शरण में

locationबारांPublished: Jul 21, 2019 07:02:21 pm

कस्बे के निकटवर्ती गांव खिरिया में रविवार को गांव की महिलाओं ने सिर पर पत्थर रख एवं भजनों को गाते गुनगुनाते हुए गांव से चार-पांच किलोमीटर दूर मेडे बाबा के चबूतरे पर जाकर पानी बरसाने के लिए कामना की जगमोहन भार्गव एवं विनीत कुशवाह ने बताया कि यहां पर पूजा-अर्चना करने से हर साल गांव में बारिश हुई है

baran news

इंद्र की बेरुखी तो धरतीपुत्र पहुंचे देवताओं की शरण में

केलवाड़ा कस्बे के निकटवर्ती गांव खिरिया में रविवार को गांव की महिलाओं ने सिर पर पत्थर रख एवं भजनों को गाते गुनगुनाते हुए गांव से चार-पांच किलोमीटर दूर मेडे बाबा के चबूतरे पर जाकर पानी बरसाने के लिए कामना की जगमोहन भार्गव एवं विनीत कुशवाह ने बताया कि यहां पर पूजा-अर्चना करने से हर साल गांव में बारिश हुई है इसलिए आज गांव की सभी महिलाएं सर पर पत्थर रख गांव से 3 से 4 किलोमीटर दूर स्थित मेढे वाले बाबा के दर पर पानी के लिए अर्जी लगाने के लिए पहुंची जहां पर उन्होंने दाल बाटी बना कर भजन कीर्तन करते हुए मेढे वाले बाबा जी से कामना की कि शीघ्र ही गांव के आसपास के क्षेत्र में जल्दी अच्छी बारिश हो ऐसी सभी महिलाओं ने कामना की।


भंवरगढ़. कस्बा समेत आसपास के ग्रामीण अंचल में बरसात नहीं होने से परेशान किसान अब देवी-देवताओं की शरण में जाने लगे हैं। अच्छी बरसात एवं क्षेत्र में खुशहाली की कामना को लेकर रविवार प्रात: कस्बे के सांवरिया सेठ मंदिर में स्थापित भगवान भोले बाबा की प्रतिमा की सरपंच धर्मराज चौधरी की अगुवाई में पूजा अर्चना की गई । इसके बाद प्रात: 9 बजे से अखंड जलाभिषेक शुरू हुआ। जलाभिषेक से पूर्व चंदेल समाज एवं अन्य समाज के ग्रामीण मंदिर पर इक_ा हुए और सभी ने भगवान शंकर की पूजा अर्चना की। वहीं कमलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित भगवान भोले बाबा की प्रतिमा पर गुरुवार से चल रहा जलाभिषेक रविवार को भी जारी रहा। यहां महिला मंडल द्वारा भजन कीर्तन के साथ भगवान भोले का जलाभिषेक भी किया जा रहा है। एक पखवाड़े से बरसात की बेरुखी से सोयाबीन सहित अन्य फसलें मुरझाने लगी है। अच्छी बरसात के लिए परानिया गांव में बालिकाएं सिर पर कलश रख घर घर जल मांग रही है तो महिलाओं एवं बालिकाओं द्वारा कई प्रकार के टोने टोटके किए जा रहे है।

देवताओं को पूजा
हरनावदाशाहजी. रुठे मानसून को मनाने एवं अच्छी बरसात की कामना को लेकर कस्बे में सरपंच हेमंत दोालिया एवं अन्य बुजूर्गो ने सभी प्राचीन देवी देवताओं की विशेष पूजा अर्चना की। अच्छी बरसात की कामना को लेकर यहां शीतला माताजी चौक स्थित गणपति की पूजा अर्चना के बाद कांकड में आने वाले सभी देवस्थानों पर पूजा अर्चना की गई।

बरसात के लिए गाए गीत
सीसवाली. कस्बे में रविवार को ग्रामीणों ने सभी देवी देवताओं सहित घास भैरु की पूजा अर्चना कर महाआरती की। घास भैरु के लिए बनाए लकडी के सिंघाड़े में कस्बेवासियों द्वारा पलटा लगा कर जगह बदली। इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाए। बीते एक पखवाड़े से बरसात नहीं होने के कारण क्षेत्र में मौसमी बीमारियां फेलने अंदेशा बढ़ गया वहीं फसले सूखने लगी है। इस मौके पर पंडित बालकिशन शर्मा, कृष्ण कुमार गौत्तम, पटेल ओमप्रकाश नागर, चौथमल नागर, सत्यप्रकाश नागर, बद्रीलाल नागर, रामनारायण कहार, दिनेश बैरवा, रवि वर्मा, जगदीश नागर, सुरेन्द्र राठौर, वेदप्रकाश नागर, राजेन्द्र यादव आदि किसान मौजूद थे।

गाजे बाजे से निकाली घास भैरु की सवारी
पलायथा. वर्षा की कामना तथा मौसमी बीमारियों से बचाव सहित क्षेत्र की खुशहाली के लिए रविवार को ग्रामीणों ने यहां गाजे-बाजे के साथ घास भैरू की सवारी निकाली। जिसमें ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। सुबह सांगोद मार्ग स्थित भैरूजी के थानक पर विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद प्रतिमा को कस्बे के बाहरी परकोटे के रास्ते से डीजे की धुनों पर नाचते हुए शोभायात्रा के साथ निकाला गया। जिसका श्रद्धालुओं ने नारियल चढ़ा कर पूजन किया, वहीं नन्हे बच्चों को प्रतिमा की रस्सी के नीचे से परंपरागत रूप से गुजारा। शाम को घास भैरू की सवारी थानक पहुंची। जहां प्रसाद का वितरण किया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो