नगरपरिषद के सहायक अग्निशमन अधिकारी उवेश शेख ने बताया कि कमलेश यादव के मकान में आग लगी थी। सुबह दस बजे सूचना मिली। पहले एक दमकल व दल रवाना किया गया। आग ज्यादा होने पर दो वाहन और भेजे। टीम ने डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया। मकान में काफी फर्नीचर था। आग से फर्नीचर, अलमारी, फ्रीज, रसोई फर्नीचर, चिमनी, कपड़े, बिस्तर और 2 लाख रुपए नगदी तथा करीब 4 लाख की सोने की ज्वैलरी समेत 10 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है।
डॉग के शोर मचाने से टल गया गंभीर हादसा
सहायक अग्निशमन अधिकारी शेख का कहना है कि घटना के समय ठेकेदार यादव तो काम से ईंट-भट्टों पर गए हुए थे। पत्नी मकान के पीछे गाय के बाड़े में काम कर रही थी। कमरे में रूम हीटर जल रहा था। आशंका है कि हीटर देर तक चालू रहने से उसमें स्पार्किंग हुई और आग सुलग गई। इस दौरान घर में मौजूद पालतु डॉग भौंका तो इसका पता चला।
इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने गैस सिलेंडर को आग पकडऩे से पहले निकालकर बाहर फैंक दिया था, फिर भी आग का तत्काल पता लगता और सूचना जल्दी मिलती तो नुकसान इतना नहीं होता। टीम में सहायक अग्निशमन अधिकारी उवेश शेख के नेतृत्व में फायरमैन प्रेम नारायण, सुशील शर्मा, जितेंद्र नामा, गोङ्क्षवद गोस्वामी, दीपेन्द्र कुशवाह, दीपक मेघवाल, रोहित चौहान, हर्ष टाक, वाहन चालक प्रकाश लोधा, सत्यनारायण वैष्णव व रामलाल मेघवाल आदि शामिल थे।