नेपाल से लगातार बारिश का पानी छोडऩे के चलते बाराबंकी जिले के तराई इलाके में घाघरा ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक नेपाल ने दो दिन में साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी घाघरा में छोड़ा है। नदी का पानी प्रतिघंटा दो सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। जिससे नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है। गांवों में पानी पहुंचने से हजारों लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। बाढ़ का पानी खेतों में फैलता हुआ गांवों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इससे तराई के हालात अभी और बिगड़ सकते हैं।
कचनापुर, हेतमापुर, सरसंडा, जमका, खुज्जी, करौनी, तेलवारी, सनावा और गेदरपुर गांव घाघरा नदी के किनारे हैं। इन गांवों में पानी भर रहा है। हजारों परिवार बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। बाढ़ आते ही प्रशासन के दावों की पोल खुल गई है। जो परिवार बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रशासन के सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं। जिले के आलाधिकारी गांव के लोगों को ऊंची जगहों पर पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन मदद ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। आपको बता दें कि बाढ़ से सिरौलीगौसपुर तहसील के कई गांव सबसे ज्यादा प्रभवित हैं। पानी खेतों से भरता हुआ गांव की ओर बढ़ रहा है। जिस गांव में समस्या ज्यादा हो रही है वहां के लोग गांव से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। परेशान ग्रामीण मजबूर होकर ऊंची जगहों पर अपना आशियाना बनाने में जुटे हैं। गांव वालों ने बताया कि पिछले साल भी गांव में पानी भरने के चलते यहां काफी दिनों तक रुकना पड़ा था। लोगों ने कहा कि प्रशासन अगर हम लोगों के लिए एक सुरक्षित जगह का इंतेजाम कर दे तो बाढ़ से पहले ही हम लोग वहां पर अपने रहने की व्यवस्था कर लें।