दर्जनों गांव के लोगों के आशियाने कटान की जद में आने से जमींदोज होना शुरू हो गए हैं। खेत भी कटकर नदी में बह रहे हैं। ऐसे में लोग अपने परिवार और गृहस्थी का सामान लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करके तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं। कचनापुर गांव में भी बीते कई दिनों से घाघरा नदी लगातार कटान कर रही है। गांव के बाशिंदे अपने घर खुद उजाडऩे को विवश हो गए हैं। नदी में कट रहे कचनापुर गांव के कुछ लोग अपने पक्के मकान को उजाड़कर उसका ईंटा और दूसरा सामान निकाल रहे हैं ताकि दूसरे स्थान पर घर बनाने में मदद मिल सके।
कई दुश्वारियां बढ़ रही हैं
बाढ़ प्रभावित गांवों में ग्रामीणों का कहना है कि सामने और भी कई दुश्वारियां बढ़ रही हैं। एक तरफ जहां संक्रामक बीमारी फैल रही हैं तो वहीं फसलें भी चौपट हो गई हैं। राहत सहायता के नाम पर महज खाद्यान्न और पन्नी बांटकर जिला प्रशासन किनारा कस ले रहा है। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि चारों तरफ पानी भरने के चलते बिजली विभाग ने सप्लाई भी काट दी है। जो बाढ़ से राहत मिलने के कई महीनों बाद तक चालू नहीं होगी। ग्रामीणों ने बताया कि भले ही उनके गांवों में बिजली न आए लेकिन विभाग इस दौरान का भी बिल उनसे वसूल करेगा।
…तो शायद उनके लिए थोड़ी आसानी होती
तराई इलाके में चारों तरफ बाढ़ ने ऐसा हाहाकार मचा रखा है कि कई गावों में तो लोग नांव पर ही अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। हालात ऐसे हैं कि महिलाएं नांव के ऊपर ही किसी तरह चूल्हा जलाकर अपना और अपने परिवार का पेट भर रही हैं। बाढ़ के पानी में भीगी लकडिय़ों से चूल्हा जलाना बड़ी चुनौती होती है। लेकिन, पेट की आग बुझाने के लिए इन भीगी लकडिय़ों को जैसे-तैसे जलाना ही पड़ता है। गांव के इन लोगों का कहना है कि उज्जवला योजना के अंतर्गत अगर इन लोगों को लाभ मिला होता तो शायद उनके लिए थोड़ी आसानी होती।
गांवों को अलर्ट कर दिया गया है
वहीं बाढग़्रस्त इलाकों की इन समस्याओं पर जिलाधिकारी उदय भानु त्रिपाठी का कहना है कि पानी बढऩे के दृष्टिगत तटवर्ती गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। राहत सामग्री भी बांटी जा रही है। डीएम के मुताबिक कई गांवों में नदी की कटान भी काफी तेज है जिसके चलते उन लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। गांव में कई लोगों के नाव पर जिंदगी गुजारने और उसी पर चूल्हा जलाकर परिवार का पेट भरने के सवाल पर उदय भानु त्रिपाठी ने बताया कि गांव में चारों तरफ पानी भरा है फिर भी गांव वाले वहां से बाहर नहीं आ रहे, उन्हीं लोगों की सहायता के लिए गांव में नाव लगवाई गई हैं। वहीं बाढ़ प्रभावित कई परिवारों को उज्जवला योजना का लाभ न मिलने पर जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत इस योजना से वंचित लोगों को लाभ दिलाया जाएगा।