आठ दिवसीय पर्व में इण्डियन जैन आइडल, अरिहन्त प्रतियोगिता, क्वीज प्रतियोगिता, तम्बोला, आदिनाथ-शांतिनाथ प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वालों को विशेष पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वर्धमान जैन नवयुवक मंडल जावरा की ओर से दिए गए।
श्रीमद राजेन्द्र सूुरिश्वर दादाबाड़ी में भी पर्युक्षण के समापन एवं क्षमावणी पर विभिन्न आयोजन हुए। प्रात: काल भगवान की पूजा अर्चना एवं आरती की गई। इसके बाद सुबह तपस्या करने वालों की पारणा एवं नौकारसी करवाई गई। इसके बाद सुबह साढ़े दस बजे भगवान को रजत पालकी में बैठकर शोभायात्रा निकाली गई, जो दादाबाड़ी से शुरू होकर प्रमुख मार्गों से होती हुई गौड़ी पाŸवनाथ मंदिर पहुंची। वापस सदर बाजार होते हुए दादाबाड़ी पहुंची। इस दौरान महिलाओं ने मंगलगीत भी गाये। शोभायात्रा के दादाबाड़ी पहुंचने पर आरती कश्यप गौर ने उतारी। इसके बाद मंदिर की वार्षिक व्यवस्था के लिए बोलियां लगाई गई।
इस मौके पर 52 रविवार में से 45 रविवार तक स्नान पूजा करने वाले 18 वर्ष के बालक बालिकाओं को पालीताणा की यात्रा का संकल्प भरतनानावाटी की ओर से लिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओसवाल समाज के अध्यक्ष अभय कोठारी थे। अध्यक्षता प्रदीप कोठारी ने की। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के सचिव देवेन्द्र सामर ने किया। अंत में दशा पोरवाल समाज की ओर से कोठारी हवेली न्यू लुक स्कूल परिसर में स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया।