दानपुर विधानसभा सीट परिसीमन में समाप्त बांसवाड़ा में जनता दल का प्रभाव कुशलगढ़ के अतिरिक्त दानपुर और बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में भी रहा। दानपुर विधानसभा सीट परिसीमन में समाप्त हो गई और इसका अधिकांश इलाका बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। इसके बाद यहां जनता दल का कोई अधिक प्रभाव नहीं हैं। वहीं बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में जनता दल का प्रभाव अब खत्म सा हो गया है।
यह है वर्तमान स्थिति
जिले में जनता दल एकीकृत भी अब दो फाड़ हो गया है। छह बार कुशलगढ़ सीट से जनता दल प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे फतेहसिंह वर्तमान में शरद यादव के साथ हो गए हैं और लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके हैं। फतेहसिंह का कुशलगढ़ क्षेत्र में व्यक्तिगत छवि के कारण कुछ प्रभाव जरूर है। वहीं जनता दल एकीकृत की बागडोर पूर्व आरएएस धीरजमल डिंडोर के पास है।
जिले में जनता दल एकीकृत भी अब दो फाड़ हो गया है। छह बार कुशलगढ़ सीट से जनता दल प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे फतेहसिंह वर्तमान में शरद यादव के साथ हो गए हैं और लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके हैं। फतेहसिंह का कुशलगढ़ क्षेत्र में व्यक्तिगत छवि के कारण कुछ प्रभाव जरूर है। वहीं जनता दल एकीकृत की बागडोर पूर्व आरएएस धीरजमल डिंडोर के पास है।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से कुल मिलाकर जनता दल यू या लोकतांत्रिक जनता दल अपने बूते किसी सीट पर जीत हासिल करे, ऐसी स्थिति जिले में नहीं है। गौरतलब है कि बांसवाड़ा की राजनीति में भाजपा, कांगे्रस के जो भी बड़े नेता हैं, उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से ही हुई। इसमें वर्तमान संसदीय सचिव भीमा भाई, कांग्रेस विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया, पूर्व विधायक कांता भील, अर्जुनसिंह बामनिया आदि प्रमुख हैं।